वृन्दावन
वृन्दावन (Vrindavan) भारत के उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के मथुरा जिले (Mathura District) का एक धार्मिक शहर है. यह वैष्णववाद (Vaishnavism) में सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. यह ब्रजभूमि क्षेत्र (Braj Bhoomi) में स्थित है जहां हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान कृष्ण (Krishna) ने अपने बचपन के अधिकांश दिन बिताए थे. यह शहर मथुरा से लगभग 11 किलोमीटर दूर है. यहां राधा (Radha) और कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित कई मंदिर हैं.
वृंदावन का एक प्राचीन अतीत है, जो हिंदू संस्कृति और इतिहास से जुड़ा है. 16वीं और 17वीं शताब्दी में मुसलमानों और हिंदू सम्राटों के बीच एक स्पष्ट संधि के परिणामस्वरूप इसे स्थापित किया गया था. यह लंबे समय से एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है.
राधारानी की भूमि और मंदिरों की भूमि वृंदावन में राधा और कृष्ण की लीलाओं को प्रदर्शित करने के लिए हजारों मंदिर हैं. यहां के कुछ महत्वपूर्ण मंदिर हैं:
बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) – इस मंदिर का निर्माण 1862 में, स्वामी हरिदास द्वारा निधि वन में बांके-बिहारी की मूर्ति की खोज के बाद हुआ. यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
श्री राधा मदन मोहन मंदिर (Shri Radha Madan Mohan Temple) – यह कालिदा घाट के पास स्थित है जिसे मुल्तान के कपूर राम दास द्वारा बनवाया गया था. यह वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है. भगवान मदन गोपाल के मूल देवता को औरंगजेब के शासन के दौरान सुरक्षित रखने के लिए मंदिर से राजस्थान के करौली स्थानांतरित कर दिया गया था. आज, मंदिर में मूल (देवता) की प्रतिकृति की पूजा की जाती है.
श्री राधा रमन मंदिर (Sri Radha Raman Mandir) – इस मंदिर का निर्माण गोपाल भट्ट गोस्वामी के अनुरोध पर हुआ, जिसमें राधा के साथ राधा रमण के रूप में कृष्ण सालिग्राम के रूप में स्थापित हैं.
प्रेम मंदिर (Prem Mandir) – यह दिव्य प्रेम को समर्पित वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ भूमि पर स्थित एक आध्यात्मिक परिसर है. मंदिर की संरचना आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज द्वारा स्थापित की गई थी. संगमरमर से बनी मुख्य संरचना और कृष्ण की आकृतियां मुख्य मंदिर को कवर करती हैं.
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का विवाह 5 दिसंबर को जयपुर में हरियाणा के यमुनानगर निवासी शिप्रा शर्मा से होगा. तीन दिवसीय भव्य विवाह समारोह की शुरुआत बुधवार को हुई. जब इंद्रेश उपाध्याय परिवार सहित वृंदावन से जयपुर पहुंचे. ताज आमेर होटल में आयोजित कार्यक्रमों में देश-विदेश से मेहमान शामिल हो रहे हैं. बुधवार रात कुंदन वन में भात न्यौछावर की रस्म हुई, जिसमें वृंदावन के संत, कथावाचक परिवार और जया किशोरी जी विशेष रूप से उपस्थित रहीं.
Vrindavan के Banke Bihari Mandir का बंद खजाना 54 साल बाद धनतेरस के दिन खुला. कमरे से निकले दो सांप और कुछ चांदी के पात्र देखकर अधिकारी और गोस्वामी हैरान रह गए. जांच के बाद खजाने को दोबारा सील कर दिया गया.
वृंदावन के जाने माने बाबा प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने मां दुर्गा से जुड़ा सवाल किया उसका प्रश्न था कि मैं कोई नाम नहीं जपता मैं केवल मां मां जपता हूं तो क्या मुझ पर मां की दृष्टि पड़ेगी.
प्रेमानंद महाराज ने भक्त के सवाल पर बताया कि उन्हें क्यों सपने नहीं आते. जानें उनका राज, भजन-साधना और संतों से जुड़े स्वप्न का महत्व.
हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज बरसाने के एक गरीब ब्रजवासी के घर पहुंचे और घर की माता को बड़े सरल भाव से मुस्कुराते हुए कहा "मुझे एक रोटी चाहिए.
प्रेमानंद महाराज के पास एक भक्त जन्मदिन से जुड़ी समस्या लेकर पहुंचा और उसने महाराज जी से सवाल किया कि जन्मदिन का आध्यात्मिक महत्व क्या होता है
बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने प्रेमानंद महाराज से पूछा मुझे मंदिर जाना बहुत पसंद है और मैं मंत्र भी करती हूं. लेकिन जब लोग मुझे इवेंट्स में बुलाते हैं, तो मैं तनाव में आ जाती हूं.
मथुरा में बाढ़ का कहर जारी है. वृंदावन का परिक्रमा मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे यह एक नदी जैसा प्रतीत हो रहा है. इस आम सड़क पर, जहाँ से हजारों श्रद्धालु गुजरते हैं, पानी का स्तर काफी गहरा हो गया है. यमुना नदी के उफान पर होने के कारण पानी वृंदावन की सड़कों तक पहुंच गया है. इसके बावजूद, श्रद्धालु अपनी परिक्रमा जारी रखे हुए हैं.
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकालेंगे. संत समाज ने इसे राष्ट्रीय महायज्ञ बताते हुए तन-मन-धन से सहयोग का आह्वान किया है. यात्रा के दौरान गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा, यमुना की स्वच्छता और वृंदावन को मांस-मदिरा मुक्त करने जैसी मांगें प्रमुख रहेंगी.
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भगवान का नाम जप किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है, लेकिन गुरुमंत्र जप के लिए पवित्र स्थान जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में 15 मई 2025 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें मंदिर के बैंक फंड के उपयोग की अनुमति दी गई थी. कोर्ट ने पारदर्शी प्रबंधन के लिए एक अंतरिम समिति गठित करने का आदेश दिया है, जो प्रशासनिक और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी.
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मंदिर की आय सिर्फ आपने लिए नहीं बल्कि मंदिर विकास योजनाओं के लिए भी है. श्याम दीवान ने कहा कि हम सरकार की योजना पर एकतरफा आदेश को चुनौती दे रहे हैं.
याचिकाकर्ता राकेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि इन गलियों ने मुग़ल काल में भी मंदिर की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखा था. याचिकाकर्ताओं के वकील डॉ. एपी सिंह ने इस अर्जी में नागरिकों के संवैधानिक और धार्मिक सवाल उठाए हैं.
क्या आप रोज़ राम नाम जपते हैं और फिर भी जीवन में दुखों से जूझ रहे हैं? प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि नाम जपते रहने पर भी पुराने कर्मों का फल भोगना पड़ता है. लेकिन नाम जप दुखों की तीव्रता और अवधि को कम कर देता है.
क्या भगवान का नाम लेने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं? प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल का आध्यात्मिक और सरल जवाब दिया है. जानें भगवान की भक्ति से कैसे मिलती है सुख-शांति.
क्या मृत लोगों की आत्मा को बुलाकर उनकी मूर्ति बनाकर पूजन करना ठीक है? प्रेमानंद महाराज ने बताया कि मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत स्वर्ग या नर्क चली जाती है और कर्मों के अनुसार उसका निर्णय होता है.
ज्योतिष में नजर लगना अशुभ माना जाता है, लेकिन प्रेमानंद महाराज का मानना है कि नजर लगना असफलता का बहाना है. उन्होंने कहा कि किसी की नजर में इतनी ताकत नहीं कि शुभ कार्य रुक जाएं. उन्होंने ‘राधा-राधा’ नाम जपने की सलाह दी और घर के बाहर भगवान की तस्वीर लगाने को सही बताया. अंधविश्वासों से बचकर आस्था बनाए रखना जरूरी है.
क्या बिल्ली का रास्ता काटना वाकई अशुभ होता है? वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने इस अंधविश्वास को खारिज किया और बताया भगवान का स्मरण ही असली शुभता है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 500 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना को मंजूरी दे दी. बेंच ने जमीन खरीद के लिए मंदिर की जमा राशि का उपयोग करने की अनुमति इस शर्त के साथ दी कि जमीन देवता यानी श्री बांके बिहारी जी महाराज के नाम से ही खरीदी जाएगी.
यूपी में कई जगह धार्मिक जगहों का कायाकल्प हो गया. कहीं कॉरिडोर बना तो कहीं नए, भव्य और विशाल भवन. लेकिन मथुरा में विकास के बीच में बाधा क्यों आ रही है और आखिर क्यों गोस्वामी समाज बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध कर रहा है? इसका जवाब है वो चार वजह जिन्हें गोस्वामी समाज गिना रहा है.
यमुना नदी पहाड़ों में जबरदस्त बारिश होने के कारण ऊफान पर है. इसका जलस्तर बढ़ जाने से हिमाचल प्रदेश से लेकर यूपी तक में हालात बिगड़े हुए हैं. हरियाणा में कई लाख एकड़ नष्ट हो गई, तो दिल्ली में आधे दशक का रिकॉर्ड टूट गया. मथुरा में कई मंदिर तो आगरा में ताजमहल तक यमुना नदी का पानी पहुंच गया.