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बिल्डिंग से निकलता धुआं, चीखते-चिल्लाते लोग, सायरन की आवाज... नोएडा-गाजियाबाद में भूकंप जैसी आपदा से निपटने की मॉक ड्रिल

दरअसल, ये कोई असली हादसा नहीं था- बल्कि एक हाई-इंटेंसिटी मॉकड्रिल थी, जो गाजियाबाद प्रशासन द्वारा भूकंप, आग और गैस रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को जांचने के लिए की गई थी. 

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गाजियाबाद में आपदा से निपटने की मॉक ड्रिल (Photo- ITG)
गाजियाबाद में आपदा से निपटने की मॉक ड्रिल (Photo- ITG)

गाजियाबाद की सड़कों पर उस वक्त अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब एक बिल्डिंग से तेजी से काला धुआं निकलने लगा. सायरनों की गूंज से पूरा इलाका कांप उठा और लोग चीखते-चिल्लाते बाहर भागते नजर आए. हवा में जैसे ही खतरे की गंध फैली, फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर दौड़ीं और स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस भी सायरन बजाते हुए पहुंच गई. चारों ओर ऐसा माहौल बन गया मानो शहर पर कोई बड़ा कहर टूट पड़ा हो. 

इसी बीच कुछ लोग घबराकर ऊपरी मंजिलों से छलांग लगाने लगे, लेकिन वहां मौजूद वॉलंटियर टीम ने मौके की नजाकत समझते हुए जाल फैलाकर उनकी जान बचाई. फायर टीम ने आग बुझाने के लिए दमकल की धारें छोड़ीं, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घायल और बेहोश लोगों को तुरंत प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भेजा. 

लेकिन रुकिए... ये कोई असली हादसा नहीं था- बल्कि एक हाई-इंटेंसिटी मॉकड्रिल थी, जो गाजियाबाद प्रशासन द्वारा भूकंप, आग और गैस रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को जांचने के लिए की गई थी. 

इस मॉकड्रिल में आपदा प्रबंधन के हर पहलू को परखा गया, कैसे वक्त पर टीमें पहुंचती हैं, कैसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाता है और कैसे जान बचाने की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है. सैकड़ों की संख्या में शामिल लोगों ने इस लाइव अभ्यास को किसी फिल्मी सीन से कम नहीं माना. 

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वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की मॉकड्रिल न केवल सरकारी मशीनरी को अलर्ट रखती है बल्कि आम लोगों को भी आपदा के वक्त समझदारी से काम लेने की सीख देती है. इस मॉकड्रिल में प्रशासनिक-शासकीय अधिकारियों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनसीसी और स्वास्थ्य विभाग की टीमें शामिल रहीं. 

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इस बीच आज गाजियाबाद और नोएडा में आपदा प्रबंधन के अंतर्गत अलग-अलग स्थानों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इसका मकसद पब्लिक को यह समझाना था कि प्राकृतिक आपदा के समय किस प्रकार से हालात को संभाला जाए साथ ही कैसे राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जाए. 

इसको लेकर गाजियाबाद और नोएडा के कुछ सार्वजनिक स्थानों में आयोजित मॉकड्रिल के दौरान भूकंप आदि की स्थिति को दर्शाया गया, साथ ही बताया गया कि कैसे आपात स्थिति आने पर सुरक्षित रहा जाए. लोगों को इसके लिए भी जागरूक किया गया कि आपदा राहत टीमें किस तरह से काम करती हैं. ऐसे में जैसे ही सायरन बजे, सभी विभाग तुरंत अलर्ट हो जाएं और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दें, आम लोग भी इसमें सहयोग करें. 

गौरतलब है कि मॉकडड्रिल का मैसेज भेजकर लोगों को इससे अवगत भी कराया गया है. बताया गया कि 1 अगस्त को गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में भूकंप व रासायनिक आपदा मॉकड्रिल हो रही है. सायरन की आवाज से घबराएं नहीं, अफवाह न फैलाएं, सहयोग करें. 

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