यूपी के मेरठ में हुई जगद्गुरु स्वामी श्रीरामभद्राचार्य की रामकथा के आयोजकों पर गाजियाबाद के टेंट कारोबारी अनुज अग्रवाल ने बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया है. कारोबारी ने दावा किया कि उनकी कंपनी, एबी इमीग्रेशन एक्टिविटी, ने कथा पंडाल का काम संभाला था. कुल 87 लाख रुपये का सौदा तय हुआ था, जिसमें से अब तक केवल 45 लाख रुपये का ही भुगतान हुआ है. 42 लाख रुपये का बकाया है, जिसकी मांग करने पर आयोजक कथित तौर पर उनसे बात नहीं कर रहे हैं.
क्यों नहीं हुआ भुगतान?
अनुज अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कथा के आयोजक, दिव्य शक्ति ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने उनसे संपर्क करना बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने सुनील शुक्ला और संतोष शुक्ला जैसे लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं उठाया गया. अग्रवाल का कहना है कि जब वे बकाया राशि मांगने उनके निवास पर गए, तो उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया.
स्थानीय वेंडरों का भी बकाया
अग्रवाल ने यह भी बताया कि कथा में इस्तेमाल हुए कुछ सामान का भुगतान मेरठ के स्थानीय वेंडरों को भी नहीं हुआ है. बकाया भुगतान न होने की वजह से उनका सामान अभी भी वहीं रोक कर रखा गया है. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उन्हें उनका बकाया दिलवाएं. अग्रवाल के अनुसार, कथा की बुकिंग महामंडलेश्वर मां लाडली सरस्वती के माध्यम से हुई थी और भुगतान की जिम्मेदारी भी उन्हीं की थी.
87 लाख का सौदा, 42 लाख बकाया
अनुज अग्रवाल ने बताया कि मेरठ के भामाशाह पार्क में आयोजित हुई इस रामकथा के लिए कुल 87 लाख रुपये का सौदा तय हुआ था. शुरुआत में 20 लाख रुपये की पहली किश्त 4 तारीख को दी गई थी. इसके बाद 25 लाख का भुगतान और किया गया, लेकिन 42 लाख रुपये का बकाया अब भी बाकी है. अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि आयोजक पक्ष अब उनसे बात करने से भी बच रहा है.