उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में एक अनोखा और चर्चित धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले 33 वर्षीय असद खान ने विधि विधान से सनातन धर्म को अपनाया. काशी में गंगा की गोद में नाव पर सवार होकर वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के साथ उनकी घर वापसी कराई गई. धर्म परिवर्तन के बाद असद खान का नया नाम अथर्व त्यागी रखा गया.
जानकारी के अनुसार असद खान पेशे से ठेकेदार हैं और उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. काशी में ब्राह्मणों की देखरेख में पहले उनका शुद्धिकरण किया गया. नाव पर गंगा की लहरों के बीच वैदिक मंत्रों के साथ पूजन पाठ हुआ. इसके बाद असद को पंचगव्य पिलाया गया और गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया. नाई द्वारा उनका मुंडन किया गया, तिलक लगाया गया और शिखा छोड़ी गई. सभी धार्मिक प्रक्रियाओं के बाद असद खान का नामकरण कर उन्हें अथर्व त्यागी बनाया गया.
असद खान ने सनातन धर्म अपनाया
गंगा के बीच नाव पर जय श्री राम का नारा लगाते समय असद के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दे रही थी. खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका जन्म भले ही मुस्लिम परिवार में हुआ हो, लेकिन वह बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति आकर्षित रहे हैं. मंदिर जाना, भजन कीर्तन करना उन्हें हमेशा सुकून देता था.
असद ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से मंदिरों में चेकिंग और पहचान पत्र देखने की प्रक्रिया के कारण वह खुद को अलग नजरिए से देखा जाने लगा, जिससे वह आहत होते थे. हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या की खबरों से भी वह काफी मर्माहत हुए. इसी के बाद उन्होंने काशी आकर ब्राह्मणों की देखरेख में धर्म परिवर्तन करने का निर्णय लिया.
असद ने कहा कि उन्होंने अपने मुस्लिम परिवार से धर्म परिवर्तन की अनुमति ले ली है. काशी से लौटने के बाद वह अलग रहेंगे ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. उन्होंने यह भी कहा कि वह आगे चलकर सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए काम करेंगे.
असद खान ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है
हिंदू युवा शक्ति के प्रदेश प्रचारक आलोक नाथ शुक्ला ने बताया कि उनका संगठन ऐसे लोगों की घर वापसी कराता है, जिनके पूर्वजों ने भय के कारण धर्म बदला था. वहीं हनुमान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर सिंह ने अथर्व त्यागी के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया और इसे घर वापसी बताया.