scorecardresearch
 

UP: कानपुर में रिश्वत मांगने और प्रताड़ना से तंग आकर शख्स ने किया सुसाइड, 2 पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी. साथ ही आरोप यह भी है कि पुलिस कर्मियों द्वारा व्यक्ति से केस कम करने के लिए पैसे भी मांगे गए थे.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर(Meta AI)
सांकेतिक तस्वीर(Meta AI)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 40 वर्षीय एक व्यक्ति को प्रताड़ित करके आत्महत्या के लिए उकसाने और उसके खिलाफ कार्रवाई से बचने के लिए 50000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी. पुलिस ने बताया कि व्यक्ति की पहचान जीत कुमार उर्फ ​​जीतू के रूप में हुई है, जो साजेती क्षेत्र के कोटरा का निवासी था और गुजरात के सूरत में एक निजी फर्म में काम करता था.

Advertisement

सोमवार को वह अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए कानपुर देहात के अकबरपुर में अपने ससुराल गया था. क्योंकि उसकी पत्नी घरेलू विवाद के बाद घर छोड़कर चली गई थी. हालांकि ससुराल पहुंचने पर उसके ससुर, जो एक ग्राम प्रधान हैं, ने उसके खिलाफ कोटरा पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस उपायुक्त दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि जीतू को समझौते के लिए चौकी पर बुलाया गया था, जहां उपनिरीक्षक गौरव शल्या और हेड कांस्टेबल रवि ने कथित तौर पर उसके ससुराल वालों की मौजूदगी में उसे प्रताड़ित किया और मामले को सुलझाने के लिए 50000 रुपये की मांग की.

यह भी पढ़ें: तीन तलाक पर फिर बवाल... लखनऊ में NRI पति ने वॉट्सएप पर भेजा तलाक, पीड़िता बोली- ससुराल वाले दहेज के लिए करते थे प्रताड़ित

डीसीपी ने कहा कि जीतू ने अनाज बेचकर 20000 रुपये का इंतजाम किया था, लेकिन बाकी पैसे नहीं दे पाया. चौधरी ने बताया कि बाद में उसने अपने घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. डीसीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आरोप विश्वसनीय पाए गए, जिसके बाद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और एफआईआर दर्ज की गई. जीतू के पिता रमेश ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को थर्ड-डिग्री टॉर्चर किया गया और अपमानित किया गया.

Advertisement

बेटे के ससुराल वालों पर उसे परेशान करने के लिए पुलिस के साथ मिलीभगत करने का भी आरोप लगाया. स्थानीय बीजेपी विधायक सरोज कुरील के जीतू के घर और पुलिस बूथ का दौरा करने के बाद इस घटना ने राजनीतिक ध्यान खींचा. उन्होंने डीसीपी चौधरी से भी संपर्क किया, जिसके बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

मामले में सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल, जीतू की पत्नी सुमन और उसके पिता रामकिशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 127 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 308 (5) (जबरन वसूली) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

Live TV

Advertisement
Advertisement