यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर यानी आज से शुरू हो गया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही माहौल गरमा गया. कोडीन युक्त कफ सिरप के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने सिरप तस्करी का मुद्दा सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाने का फैसला किया है. इस क्रम में शिकोहाबाद से सपा विधायक मुकेश वर्मा कोडीन कफ सिरप का पोस्टर पहनकर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने जमकर नारेबाजी की और आरोपियों पर एक्शन लेने की मांग की. विधायक बृजेश यादव ने भी प्रोटेस्ट किया.
सपा विधायक वर्मा ने पूछा कि आखिर कोडीन कफ सिरप की तस्करी करने वालों पर बुलडोजर कब चलेगा. उन्होंने कहा कि सिरप की काली कमाई में सत्ता पक्ष के लोग भी शामिल हैं. पुलिस-प्रशासन छोटी मछलियों को गिरफ्तार कर रहा है, जबकि बड़ों पर हाथ नहीं डाल रहा.
विधायक मुकेश वर्मा ने अपने गले में एक पोस्टर लटका रखा था, जिसमें लिखा है- 'जहर का कारोबार बंद करो, कोडीन कफ सिरप के दोषियों के घरों पर बुलडोजर चले, जहरीले कारोबारियों को संरक्षण देना बंद करो.'
वहीं, वाराणसी से सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा साइकिल पर कफ सिरप की शीशी के कट आउट को लेकर विधानसभा पहुंचे. आशुतोष सिंह का आरोप है कि इस केस में बड़े लोग शामिल हैं, पहले कालीन भैया सुनते थे अब कोडीन भैया आ गए हैं, जिन पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही. बुलडोजर दिखाई नहीं पड़ रहा.
गौरतलब है कि इस समय यूपी में कोडीन कफ सिरप का मामला चर्चा में है. पुलिस ने दर्जन भर लोगों की गिरफ्तारी की है. माफिया कनेक्शन भी सुर्ख़ियों में है. उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कह दिया है कि इस मामले की सच्ची जांच के लिए भी ईमानदार लोगों की एक ‘सिरप टास्क फोर्स’ मतलब STF बननी चाहिए.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने भाजपा पर हजारों करोड़ रुपये के अवैध कोडीन-युक्त कफ सिरप रैकेट को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह घोटाला वाराणसी और आसपास के जिलों से संचालित होकर विदेशों तक फैला है. उन्होंने सरकार पर चयनात्मक बुलडोजर कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके निशाने पर अधिकांश PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग के लोग हैं. उन्होंने कफ सिरप मामले की जांच कर रही STF की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे.