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झांसी में गहराया खाद संकट, रात से लाइन में लगने के बावजूद भी किसान लौट रहे खाली हाथ

झांसी में खाद का संकट गहरा गया है. यहां रात भर किसान केंद्रों पर लाइन में लगे रहने के बावजूद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है. जिसके चलते किसान परेशान हैं. हालांकि इतनी परेशानियों के बाजवूद भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

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खाद केंद्र पर लाइन में लगे किसान. (Photo: Ajay Jha/ITG)
खाद केंद्र पर लाइन में लगे किसान. (Photo: Ajay Jha/ITG)

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में खाद का संकट गहराता ही जा रहा है. हालात यह हैं कि हजारों किसान देर रात से केंद्रों के बाहर लाइन लगाकर बैठ जाते हैं और भूखे-प्यासे पूरे दिन इंतज़ार करते रहते हैं, लेकिन खाद की एक भी बोरी उनके हाथ नहीं लगती. सबसे अधिक संकट डीएपी खाद का है. हालात बेकाबू हैं और कई बार धक्कामुक्की व मारपीट की घटनाएं भी चुकी हैं.

रात से ही लाइन में लगते हैं फिर भी नहीं मिल पाती खाद

जिले के मऊरानीपुर तहसील के पीसीएफ केंद्र पर किसानों की लंबी लाइनें हर दिन देखी जा रही हैं. कई किसान रात से ही परिवार सहित डेरा डाल देते हैं, लेकिन शाम तक भी उन्हें खाद नहीं मिल पाती है और खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. किसानों की इस समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.

यह भी पढ़ें: 'खाद है ही नहीं, तो कहां से बांट दें...,' SDM की बात सुनकर भिंड में किसानों का चढ़ गया पारा, घंटों से कर रहे थे इंतजार

महिला किसान गुड़िया देवी और जमाना देवी व रामदेवी ने बताया कि वे पिछले 15 दिनों से खाद न मिलने से परेशान हैं. सुबह 3 बजे से लाइन में लगना पड़ता है, लेकिन पूरे दिन इंतजार के बाद भी खाद की एक बोरी तक नहीं मिलती. उन्होंने आगे बताया कि हम अपने बच्चों के साथ लाइन में बैठते हैं, यहीं खाना खाते हैं, उमस भरी गर्मी और धूप में दिन गुजार देते हैं. लेकिन हाथ कुछ नहीं लगता. खरीफ की फसल पहले ही बर्बाद हो गई, अब अगर समय पर खाद नहीं मिली तो रबी की फसल भी खराब हो जाएगी. 

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किसान नेताओं में आक्रोश

झांसी से कांग्रेस के किसान नेता शिवनारायण सिंह परिहार ने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि बारिश ने पहले ही किसानों की खरीफ की फसल चौपट कर दी है. अब किसानों को केवल रबी की फसल से ही उम्मीद है. लेकिन खाद और बीज की भारी किल्लत से किसानों की बुवाई समय पर नहीं हो पाएगी. 

जिले भर में किसान रातभर केंद्रों पर डेरा डाले बैठे हैं, लेकिन प्रशासन को यह तक नहीं मालूम कि बुवाई का सही समय कब है. कृषि अधिकारी भी वेतुके बयान दे रहे हैं. शिवनारायण सिंह ने चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस समस्या का तत्काल समाधान नहीं करते हैं तो किसान बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे.

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