मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर से गुजरे झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर रविवार की देर शाम उस समय हरपालपुर पुलिस की अमानवीयता देखने को मिली, जब दिल्ली जा रहे एक युवक को सड़क पार करते हुए चार पहिया वाहन ने रौंद दिया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, दो राज्यों के सीमाओं के विवाद के चलते युवक का शव ढाई घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा. पुलिस भी मौके पर पहुंची और देखकर चली गई. इस दौरान परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस से गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
हालांकि, जब परिजन मजबूर होकर हाइवे पर प्रदर्शन करने लगे तो आनन-फानन में पुलिस पहुंची और मर्ग कायम कर कार्रवाई शुरू की गई. राहुल पिता रतन अहिरवार निवासी उप्र ग्राम सौरा थाना महोबाकंठ रविवार को घर से अपना बैग लेकर दिल्ली के लिए निकला था. इस दौरान वह गांव से कुछ दूरी पर झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर सड़क पार कर रहा था, तभी कार ने उसे रौंद दिया. जिससे उसकी मौत हो गई.
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में अलग-अलग सड़क हादसों में चार लोगों की मौत, दो भाइयों को ट्रक ने कुचला
वहीं, हादसे की सूचना लगते ही तत्काल यूपी पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस को बुलाया. लेकिन उक्त क्षेत्र हरपालपुर थाना क्षेत्र में आता था, जिससे यूपी पुलिस कार्रवाई से रुक गई और एमपी पुलिस को सूचना दी गई. इस दौरान हरपालपुर थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन शव लेने से इनकार कर दिया. हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा का तर्क था कि यह क्षेत्र यूपी में आता है.
ऐसे में इसमें एमपी पुलिस का कोई रोल नहीं है, जबकि महोबकंठ थाना प्रभारी विकास गुप्ता का सीधा कहना था कि इसके पहले उक्त क्षेत्र में जो भी कार्रवाई हुई है, वह हरपालपुर पुलिस ने की है. उनका कहना था कि सड़क के इस पार यूपी सीमा है और उस पर एमपी सीमा है. ऐसे में जहां घटना हुई वह एमपी सीमा में आती है.
सीमा के विवाद की यह प्रक्रिया करीब ढाई घंटे तक चलती रही. इस बीच हरपालपुर पुलिस मौके से चली भी गई. इसके बाद परिजनों ने भीषण ठंड में हाइवे पर शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. तब कहीं जाकर हरपालपुर पुलिस मौके पर आई और शव को कब्जे में लेकर मर्ग कायम कर कार्रवाई शुरू की. यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने की.