दुनिया के कई बड़े शहरों के ऊपर समुद्र में डूबने का खतरा मंडरा रहा है. समुद्र के बढ़ते जल स्तर की वजह से आने वाले दिनों में ये शहर डूब जाएंगे. इसके पीछे केवल प्राकृतिक कारण नहीं बल्कि इंसानों की गलतियां भी बताई जा रही है. आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे शहर हैं जो धीरे-धीरे हर साल समुद्र में डूब रहे हैं?
हर साल धंस रहा है ये शहर
नासा के द्वारा की गई रिसर्च के हिसाब से कैलिफोर्निया के निचले इलाके साल 2050 तक समुद्र के बढ़ते स्तर का सामना कर सकते हैं. यहां के कुछ क्षेत्र जमीन में हर साल करीब 10 मिलीमीटर तक धंसते जा रहे हैं. रिसर्च बताती है कि सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी से सटे इलाकों के डूबने की संभावनाएं बन सकती हैं.
भारत का ये शहर भी खतरे में शामिल
कुछ रिपोर्ट्स बताती है कि भारत का कोलकाता भी समुद्र के बढ़ते जलस्तर और जलवायु परिवर्तन की वजह से धीरे-धीरे डूब रहा है. आने वाले समय में इस शहर के कई हिस्से समुद्र में समा सकते हैं.
जानिए अन्य कौन से शहरों पर बताया जा रहा है खतरा
अलेक्जेंड्रिया, इजिप्ट
साल 2050 तक अलेक्जेंड्रिया शहर के लगभग 30% हिस्से के पानी में डूबने की संभावनाएं बताई जा रही है. यह वहां के कम से कम 15 लाख लोगों को प्रभावित कर सकता है. इसके कारण न केवल अलेक्जेंड्रिया बल्कि नाइल डेल्टा के बड़े हिस्से के भी प्रभावित होने का बात कही जा रही है.
मियामी, फ्लोरिडा
मियामी-डेड काउंटी का आधे से ज्यादा हिस्सा समुद्र तल से केवल 6 फीट की ऊंचाई पर बताया जाता है. इसमें अनुमान लगाया जा रहा है कि 2060 तक इसका लगभग 60% हिस्सा पानी में डूब सकता है.
ढाका, बांगलादेश
ढाका शहर का कुछ हिस्सा जमीन के अंदर धंस रहा है. इसके पीछे का कारण वहां की बढ़ती आबादी के लिए लगातार अंडरग्राउंड वाटर का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है.
लागोस, नाइजीरिया
बताया जाता है कि लागोस हर साल भयानक बाढ़ का सामना करता है. शोध बताते हैं कि यहां की जमीन धीरे-धीरे धंस रही है, जो आने वाले समय में बड़े खतरे का संकेत बन रहे हैं.
जकार्ता और बैंकॉक
जकार्ता, जो इंडोनेशिया का एक शहर है. बताया जाता है कि यह हर साल करीब 6.7 इंच की दर से नीचे धंसता जा रहा है. वहीं थाईलैंड का बैंकॉक भी समुद्र के बढ़ते स्तर की वजह से धीरे-धीरे डूबने का अनुमान लगाया जाता है. बताया जा रहा है कि भविष्य में इसका अधिकांश हिस्सा समुद्र में समा जाएगा.
इंसानी गतिविधियों से बढ़ रही समस्या
जैसे-जैसे धरती गर्म हो रही है. बर्फ पिघलते जा रही है और समुद्र का जलस्तर बढ़ते जा रहा है. इस वजह से समुद्र के किनारे बसे शहरों और छोटे द्वीपों में बाढ़ और तूफानी लहरें ज्यादा दिखाई दे रही है. ये सारी चीजें आने वाले समय में खतरे की चेतावनी दे रही हैं.
प्राकृतिक आपदाओं के अलावा इंसान ने भी इस समस्या को काफी बढ़ा दिया है. इंसान जरूरत से ज्यादा अंडरग्राउंड वाटर निकालकर, शहरी विकास के चक्कर में लगातार संवेदनशील इलाकों को नजरअंदाज कर रहे हैं जो की भविष्य के लिए खतरा बन रही है.