अगर कोई आपसे ये कहे कि हवा की नमी से आपका स्मार्टफोन या iPad चार्ज किया जा सकता है, तो इस पर यकीन करना मुश्किल है. लेकिन आने वाले समय में ऐसा हो सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि उच्च स्तर के रिपेलिंग सर्फेस पर गिरने वाली बूंदों का इस्तेमाल बिजली बनाने में किया जा सकता है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बिजली से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज किया जा सकता है.
पिछले साल शोधकर्ताओं ने पता लगाया था कि पानी की बूंदे जब सुपरहाइड्रोफोबिक सर्फेस से उछलती हैं तब इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक चार्ज उत्पन्न होता है. अब इसी टीम ने अपने शोध में पाया है कि इस प्रक्रिया में छोटी मात्रा में बिजली भी उत्पन्न की जा सकती है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने में किया जा सकता है.
इस प्रक्रिया के जरिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के अलावा साफ पानी भी निकाला जा सकता है.