अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका हरियाणा के जींद जिले का मुर्राह नस्ल का रुस्तम झोटा (भैंसा) एक बार फिर से सुर्खियों में है. 11 करोड़ की कीमत वाले रुस्तम झोटे ने हिमाचल प्रदेश में कृषक रत्न अवार्ड जीता है. यह प्रतियोगिता 18 दिसंबर को आयोजित की गई थी. इसमें रुस्तम ने पहला और पंजाब के मोदी बुल ने दूसरा नंबर हासिल किया. इससे पहले भी रुस्तम साल 2013-14 में लगातार ट्राफियां जीतकर चैंपियन रह चुका है. रुस्तम के विजेता बनने से गांव और आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल बना हुआ है. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने प्रथम स्थान हासिल करने वाले रुस्तम के मालिक दलेल को सम्मानित किया.
11 करोड़ के रुस्तम ने जीता कृषक रत्न अवॉर्ड
बता दें, 6 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नेतृत्व करने वाला रुस्तम 26 बार नेशनल चैंपियन रहे चुका है और 100 से ज्यादा प्रतियोगिता में भाग ले चुका है. 9 साल पहले रुस्तम ने गांव की प्रतियोगिता में 500 रुपये का इनाम जीता था और अब 5 लाख रुपये का ईनाम जीता.
झोटे की कीमत भारत मे 11 करोड़ लग चुकी है. लेकिन मालिक का कहना है कि ये परिवार का अभिन्न अंग है. इसे कभी नही बेचेंगे. इसका आधार कार्ड बनवाकर इसे परिवार का सदस्य बनाएंगे. रुस्तम की ऊंचाई 5.5 फीट और 14.9 फीट लंबाई है. रुस्तम प्रतिदिन 300 ग्राम देसी घी, 3 किलो चना, आधा किलो मेथी, 100 ग्राम बादाम, 8 से 10 लीटर किलो दूध, 3.5 किलो गाजर खाता है. रुस्तम झोटा जींद के जुलाना कस्बे में गतौली गांव का है.
रुस्तम का बनवाएंगे आधार कार्ड
रुस्तम ने 2014 में झज्जर में हुई पशु चैंपियनशिप में पहला स्थान प्राप्त किया था. इसके अलावा पिछले दिनों मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की गई पशु प्रतियोगिता में दो दांत में टॉप किया था. 60 नंबर टेस्टिकल इसके अलावा सिंग, पैर, लंबाई चौड़ाई और बनावट का अहम रोल होता है. 100 में से ज्यादा नंबर लेने वाला विजेता कहलाता है. सामान्य तौर पर एक झोटा 20 साल तक क्वालिटी सीमन देता रहता है.

दलेल जांगड़ा का पूरा परिवार रुस्तम के पालन पोषण में लगा हुआ है. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान द्वारा ही मुर्राह नस्ल के इस झोटे का नामकरण किया हुआ है. पूरा परिवार अपने बच्चों से ज्यादा रुस्तम की देखरेख से कर रहा है. दलेल ने बताया कि रुस्तम की मां अभी भी उसके पास है जिसके पास 25.530 किलोग्राम दूध निकालने का रिकार्ड है.