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एक बंदर को ले गया मगरमच्छ... तो उसे बचाने नदी में उतर गई 'वानर सेना'! वीडियो वायरल

ओडिशा से एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसमें कुछ बंदरों ने अपने साथी को मगरमच्छ से बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन अफसोस वे सफल नहीं हो पाए. यह घटना ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के महाकालपाड़ा इलाके की है.

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ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में बंदरों ने अपने साथी को मगरमच्छ से बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई. (Photo: India Today) 
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में बंदरों ने अपने साथी को मगरमच्छ से बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई. (Photo: India Today) 

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले से एक बेहद भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके लिए कहा जा रहा है कि बंदरों के एक झुंड ने अपने घायल साथी को मगरमच्छ से बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में छलांग लगा दी. ये घटना केंद्रपाड़ा की बताई जा रही है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. 

कहां की है यह घटना
यह घटना केंद्रपाड़ा जिले के महाकालपाड़ा ब्लॉक की खरिनसी पंचायत की है. यहां घालिया नदी के किनारे करीब 12,000 एकड़ में फैला एक मैंग्रोव जंगल है, जो वन विभाग के संरक्षण में है। इस जंगल में हजारों बंदर रहते हैं.

कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, एक बंदर नदी किनारे पानी पी रहा था, तभी अचानक एक मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया. अपने साथी को खतरे में देखकर आसपास मौजूद अन्य बंदर तुरंत पेड़ों से नीचे उतर आए और नदी किनारे जमा हो गए.

साथी को बचाने के लिए जान की बाजी
घायल बंदर को बचाने के लिए बंदरों ने बिना डरे एक के बाद एक नदी में छलांग लगा दी. उन्होंने मगरमच्छ का पीछा किया और अपने साथी को बचाने की पूरी कोशिश की, भले ही इससे उनकी खुद की जान को खतरा था. पूरा झुंड नदी पार कर दूसरे किनारे तक पहुंच गया और मगरमच्छ को ढूंढने लगा.

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वीडियो हुआ वायरल
इस पूरी घटना का वीडियो वहां मौजूद एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. लोग बंदरों की बहादुरी, एकजुटता और अपने साथी के प्रति प्यार की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

बंदरों का स्वभाव कैसा होता है
बंदरों का स्वभाव काफी समझदार, सामाजिक और भावनात्मक होता है. वे सिर्फ शरारती ही नहीं होते, बल्कि अपने झुंड और रिश्तों को लेकर बेहद सजग रहते हैं.बंदर अकेले नहीं रहते, बल्कि झुंड में रहना पसंद करते हैं. झुंड उनके लिए परिवार जैसा होता है, जहां हर सदस्य एक-दूसरे की मदद करता है. अगर किसी एक पर खतरा आता है, तो पूरा झुंड उसकी रक्षा के लिए आगे आ जाता है.

समझदारी और सीखने की क्षमता
बंदर काफी बुद्धिमान होते हैं. वे चीजें सीख सकते हैं, याद रख सकते हैं और नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं. यही कारण है कि मुश्किल समय में वे मिलकर फैसले लेते हैं और एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते. ओडिशा की यह घटना साबित करती है कि जानवरों में भी भावनाएं, एकता और बलिदान की भावना होती है, जो इंसानों को भी बहुत कुछ सिखा सकती है.

(खबर वायरल वीडियो और उसके साथ किए जा रहे दावों के आधार पर बनाई गई है, जिनकी आजतक डॉट इन पुष्टि नहीं करता है.)

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