सरकार ने मोबाइल कंपनियों के टावर से निकलने वाली ताकतवर तरंगों से लोगों के स्वास्थ्य पर पडने वाले असर को गंभीरता से लिया है और इस संबंध में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कारवाई का फैसला किया है.
केन्द्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री सचिव पायलट ने कहा कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ 15 नवंबर के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. मोबाइल कंपनियों के टावर से निकलने वाली तरंगें यदि अंतर्राष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करती पाई गई थी उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि दूरसंचार विभाग इस बात की निगरानी करेगा कि देश में पांच लाख सेलफोन टावरों से रेडिएशन का स्तर जन स्वास्थ्य की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है या नहीं.
पायलट ने बताया कि इन नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर प्रति टावर के हिसाब से पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने रेडिएशन नियमों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया है.
संचार राज्यमंत्री ने कहा कि कंपनियों को नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार झारखंड और बिहार के नक्सल प्रभावित तथा आदिवासी इलाकों में दूरसंचार ढांचे को मजबूत बनाएगी, ताकि इन इलाकों में रहने वाले लोग खुद को देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग महसूस न करें.