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तमिलनाडु में गठबंधन के समय इश्क और जाति

हम नहीं जानते थे तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के नैकेनकोट्टई के रहने वाले इलावरसन को. फिर हम में से बहुतों की तरह उसने दिल दिया और वह मशहूर हो गया. या कि कुछ लोगों के लिए बदनाम हो गया.

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इलावरसन और दिव्या
इलावरसन और दिव्या

हम नहीं जानते थे तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के नैकेनकोट्टई के रहने वाले इलावरसन को. फिर हम में से बहुतों की तरह उसने दिल दिया और वह मशहूर हो गया. या कि कुछ लोगों के लिए बदनाम हो गया.

यह इस पर निर्भर करता है कि आप विभाजन के किस ओर हैं. विभाजन, कैसा विभाजन? हम सब तो एकजुट हैं, हम में कोई मतभेद नहीं. हां, कभी-कभी कुछ मौतें हमारे नजरिए में अचानक एक आसानी से नजर न आने वाला विभाजन ले आती हैं, जिसका दायरा बहुत बड़ा होता है.

काश हम इस सब का दोष आधुनिक, उत्तर-आधुनिक चीजों या अब पुराने हो चुके ग्लोबलाइजेशन पर मढ़ पाते. पर यहां बच निकलने का कोई उपाय नहीं है. जाति, इस एक शब्द से हम नहीं बच सकते. इसका दबदबा भारत में हर चीज पर है. पर हमें लगता है या बताया जाता है कि आजादी के 65 साल बाद जाति धराशायी हो चुकी है.

ई इलावरसन एक दलित था. पिछले बुधवार को धर्मपुरी की रेलवे लाइन पर उसकी लाश मिली. खबर को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने में थोड़ा समय लग गया. इससे पहले उसकी पत्नी दिव्या ने मंगलवार को कहा था कि वह कभी अपने पति के पास वापस नहीं जाएगी और मां के पास ही रहेगी.

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19 साल के इलावरसन को दिव्या से प्यार हो गया था. 22 साल की दिव्या वन्नियार (ओबीसी) वर्ग से आती थी. 14 अक्टूबर 2012 को दोनों ने शादी की थी.

धर्म प्यार की जुबान नहीं समझता. खास तौर से अंतरजातीय शादियों के संबंध में. तबाही के छींटे दिव्या के परिवार तक भी पहुंचे. दोनों की शादी के बाद उसके पिता ने खुदकुशी कर ली. जिले भर में दलितों की करीब 300 झोपड़ियां जला दी गईं.

तमिलनाडु के राजनीतिक पार्टी पत्ताली मक्काल काची (पीएमके) पर वन्नियारों का दबदबा है. इसे एस रामदास ने स्थापित किया था, जिनके बेटे अंबूमणि रामदास पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे. एक दलितों की भी पार्टी है, विदुथलाई चिरुथैगल काची. इसके नेता हैं टी तिरुमावलवन. वही तिरुमावलवन हैं जो सीबीएसई किताबों में अंबेडकर के आपत्तिजनक कार्टूनों पर विरोध जता चर्चा में आए थे.

पुलिस यह कहती रही कि इलावरसन ने खुदकुशी कर ली, पर उसके परिवार को कुछ और शक है. उसके माता-पिता बताते हैं कि उनके बेटे को अपनी रूठी हुई पत्नी के लौट आने की पूरी उम्मीद थी. काम से बाहर जाने के लिए उसने अपने पिता के एटीएम कार्ड से पैसे भी निकाले थे. पुलिस का कहना है कि उसने शव से दिव्या की तस्वीरें और उसे 2011 में भेजे गए तीन खत बरामद किए हैं.

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जिले भर में पुलिस तैनात है, लेकिन विभाजन के दोनों ओर भीषण आग लगी हुई है. यह धर्मपुरी और दोनों समुदायों के लिए लंबी स्याह रात है. इलावरसन एक और संख्या में तब्दील हो गया है. शायद जाति की मारकाट के स्मारक बनकर. जाति, जिसकी पूरे देश की तरह तमिलनाडु में भी तूती बोलती है. लेकिन, छिपे-दबे रूप में.

इलाके में तनाव राजनीतिक वजहों से उपजा है. पीएमके तेज-तर्रार पार्टी है. 2011 में एआईडीएमके के सत्ता में आने के बाद उसने डीएमके का दामन छोड़ दिया था. 2014 लोकसभा चुनावों से पहले वह 'पार्टी इन डिमांड' हो सकती है. लिहाजा, वन्नियारों को फायदे मिल सकता है.

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