क्रिस्टोफर कोलंबस (Christopher Columbus) को नई दुनिया (New World) यानी अमेरिका (America) की खोज करने वाले व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है. कोलंबस ने 12 अक्टूबर, 1492 को अमेरिका की खोज की थी. लेकिन एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि कोलंबस (Columbus) से करीब 500 साल पहले यूरोपियन (Europeans) वहां पहुंच गए थे. स्टडी में नॉर्थ अमेरिका में वाइकिंग (Viking) की मौजूदगी का दावा किया गया. उस जमाने में वाइकिंग्स को खोजयात्री/व्यापारी या समुद्री डाकू भी कहा जाता था.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने उस वर्ष का पता लगा लिया है, जब यूरोपीय लोगों ने पहली बार नॉर्थ अमेरिका की धरती पर कदम रखा था. यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल, L'Anse aux Meadows के नाम से जानी जाने वाली Norse बस्ती से लकड़ी का विश्लेषण करके वैज्ञानिक उस सटीक वर्ष की पहचान करने में सफल हुए हैं.
स्टडी के मुताबिक, एक नई प्रकार की डेटिंग तकनीक (Dating Technique) से पता चला है कि 1021 ईसवी में (हजार साल पहले) कोलंबस की पहली यात्रा से 471 साल पहले Norse बस्ती पर एक स्ट्रक्चर तैयार किया गया था. कोलंबस के अटलांटिक (Atlantic Ocean) पार करने से बहुत पहले, कनाडा के न्यूफ़ाउंडलैंड (Newfoundland) द्वीप के पास लकड़ी की फ़्रेम वाली इमारतें खड़ी थीं, जो इस बात का सबूत है कि वाइकिंग्स कोलंबस से पहले 'नई दुनिया' में पहुंचे थे.
कौन थे वाइकिंग्स?
नेचर जर्नल में प्रकाशित स्टडी का नेतृत्व करने वाले नीदरलैंड के भू-वैज्ञानिक माइकल डी का कहना है- "अटलांटिक को पार करने वाला पहला मानव समाज होने के लिए इन उत्तरी यूरोपीय लोगों (वाइकिंग्स) को हमें ऐतिहासिक तौर पर सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि वाइकिंग्स एक बेहतरीन नाविक थे, जो नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क से दुनिया भर में घूमने जाते थे. वे यूरोप के माध्यम से उद्यम करते थे, कभी-कभी उपनिवेश करते थे. व्यापार के बाद छापेमारी भी करते थे. उनके पास असाधारण नाव-निर्माण और नेविगेशन कौशल था. उन्होंने आइसलैंड और ग्रीनलैंड पर बस्तियां स्थापित की थीं. वाइकिंग युग को पारंपरिक रूप से 793-1066 ईसवी के रूप में परिभाषित किया गया है.