हवाई अड्डों की तरह देश के रेलवे स्टेशनों को विकसित करने और उन्हें आधुनिक रूप देने के इरादे से रेलवे एक अलग निगम बनाने जा रही है और इसके लिए रेल मंत्रालय के दो लोक उपक्रमों इरकान इंटरनेशनल लिमिटेड और रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने एक समझौता किया.
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की मौजूदगी में इरकान के प्रबंध निदेशक मोहन तिवारी और रेल भूमि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पंकज जैन ने रेल भवन में आयोजित एक समारोह में ‘रेलवे स्टेशन विकास निगम’ की स्थापना के लिए इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
समझौते के मुताबिक नये निगम में 51 फीसदी हिस्सेदारी इरकान की होगी जबकि 49 फीसदी हिस्सा रेल भूमि विकास प्राधिकारण का होगा. निगम की शुरुआत सौ करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी से होगी. इस मौके पर रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा इस निगम की स्थापना रेलवे के विजन दस्तावेज 2020 का हिस्सा है. विजन दस्तावेज में इस बात को महसूस किया गया था कि हमारे रेलवे स्टेशन विकसित देशों के रेलवे स्टेशनों से काफी पीछे हैं और प्रमुख महानगरों में स्थित रेलवे स्टेशन यात्रियों के बढते यातायात से निपटने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं.
त्रिवेदी ने कहा कि रेलवे स्टेशन को शहरी जीवन के एक जीवंत केन्द्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से रेलवे स्टेशनों के विकास, उसके सौदर्यीकरण तथा यात्रियों के लिए वहां ज्यादा से ज्यादा सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए निगम के रूप में एक समर्पित आथरिटी की आवश्यकता थी.
उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों के विकास का काम दिल्ली मुंबई और कोलकता जैसे महानगरों से शुरू किया जायेगा. विकास का काम दो चरणों में होगा ओर इसमें सभी पक्षकारों को भागीदार बनाने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने बताया कि यह निगम पूरी तरह से रेलवे के अधीन होगा और सभी संपत्तियां रेलवे के पास ही रहेंगी.
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशनों के विकास के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रमुख शहरों के मेयरों को पत्र लिखा गया है.