scorecardresearch
 

राष्ट्रपति चुनावः कांग्रेस को मिला मुलायम का साथ

समाजवादी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को ही अपना समर्थन देगी. साथ ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा की कोशिशों को दूसरे राजनीतिक दलों से समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है.

Advertisement
X
मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को ही अपना समर्थन देगी. साथ ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा की कोशिशों को दूसरे राजनीतिक दलों से समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से जब पत्रकारों ने यह सवाल किया गया कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देगी, तो उन्होंने कहा, ‘एक ही शर्त है कि वह नौकरशाह नहीं हो.’

सिंह ने कहा, ‘राष्ट्रपति पद के लिए किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति के बारे में विचार नहीं किया जाना चाहिए. किसी नौकरशाह के नाम पर भी इस पद के लिए विचार नहीं होना चाहिए.’ यह पूछे जाने पर कि साल 2002 में किस तरह उन्होंने गैर-राजनीतिक व्यक्ति ए पी जे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन दिया था, इस पर उन्होंने कहा, ‘वह एक अपवाद थे. वह एक जानेमाने वैज्ञानिक थे.’

उप-राष्ट्रपति और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी रहे हामिद अंसारी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘आप क्यों उनके पीछे पड़े हैं? वह एक आदरणीय व्यक्ति हैं और उनका कार्यकाल बाकी है.’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ-साथ अंसारी की उम्मीदवारी के भी कयास लगाए जा रहे हैं. सपा और बसपा के पास कुल मिलाकर करीब 11 लाख मतों के निर्वाचन मंडल में एक लाख मतों का मूल्य है. इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), संगमा जिसके सदस्य हैं, ने कहा है कि वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के मामले में संप्रग के साथ है.

Advertisement

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर संप्रग के साथ हैं. हमने पी ए संगमा की बेटी अगाथा संगमा से कह दिया है कि जब पूर्व लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवारी पाने की अपनी मुहिम के तहत कहीं जाएं तो वह उनके साथ न जाएं.’

राष्ट्रपति पद के लिये अपनी दावेदारी के पक्ष में मुहिम तेज करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा ने माकपा महासचिव प्रकाश करात से भेंट की हालांकि प्रमुख राजनीतिक दल उनकी इस दावेदारी के प्रति बहुत उत्साहित नहीं दिखे.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संगमा से मिलने की संभावना नहीं है हालांकि राकांपा नेता ने उनसे मिलने का समय मांगा है. सपा और बसपा जिन दोनों के 11 लाख मूल्य के मतों में से एक लाख से अधिक मतों की भागीदारी है, ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

64 वर्षीय आदिवासी नेता संगमा मेघालय से हैं और बीजू जनता दल एवं अन्ना द्रमुक ने उनके नाम का प्रस्ताव किया था. राष्ट्रपति पद के लिए बीजद और अन्नाद्रमुक का समर्थन मिलने से उत्साहित संगमा ने उम्मीद जताई कि अन्य राजनीतिक दल भी ‘देश की आदिवासी जनता की आत्मा की आवाज’ का जवाब देंगे.

संगमा ने कुछ आदिवासी सांसदों के साथ बीजद प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की. संगमा का दावा है कि उन्हें उन तमाम पार्टियों के आदिवासी नेताओं का समर्थन हासिल है, जो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर एक आदिवासी नेता के नाम पर सहमति बनाने के लिए प्रयास कर रही हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संप्रग और राजग सहित अन्य राजनीतिक दल भी देश की आदिवासी जनता की आत्मा की आवाज का जवाब देंगे और आगामी राष्ट्रपति चुनाव में हमारा समर्थन करेंगे.’

संगमा के लिए समर्थन जुटाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों से संपर्क करने के बारे में नवीन पटनायक ने कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को समर्थन देने के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाना उनका दायित्व है. पटनायक और जयललिता 17 मई को संगमा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं. इससे पहले, सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि जयललिता ने उनसे संगमा के बारे में बात की थी लेकिन अभी वह अपनी पार्टी के रूख के बारे में नहीं बता सकते.

बसपा नेता मायावती ने कहा कि पहले उम्मीदवारों की घोषणा होने दीजिये उसके बाद उनकी पार्टी निर्णय करेगी.

संगमा ने वाम दलों के नेताओं से भेंट के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह वाम दलों के प्रमुख नेताओं से मिले और इस बार इस पद के लिये एक आदिवासी को समर्थन देने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि जयललिता और पटनायक पहले ही मार्क्‍सवादी नेता प्रकाश करात से उनकी उम्मीदवारी को लेकर बातचीत कर चुके हैं.

संगमा ने बताया कि कल वाम दलों की बैठक हैं जिसमें इस मामले पर विचार किया जायेगा लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जायेगा. इस माह के अंत तक ही किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचा जायेगा.

Advertisement

उधर मार्क्‍सवादी नेता सीताराम येचुरी ने संगमा के करात से भेंट करने से पूर्व कांग्रेस और संप्रग से कहा कि वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा में और विलंब नहीं करें क्योंकि जितना विलंब करेंगे उतने ही नाम उभरते जायेंगे.

इस बीच कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रमुख और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विचार विमर्श शुरू कर दिया है जो तीन चरणीय मामला है. पहले चरण में संप्रग सहयोगियों और समर्थक दलों से बातचीत के बाद सोनिया विपक्षी दलों से बातचीत कर राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बारे में उनकी राय की जानकारी लेंगी.

कुछ अस्थायी निर्णय के बाद वह फिर से सहयोगियों और समर्थक दलों से विचार विमर्श करेंगी और सामूहिक एवं अलग अलग बातचीत कर उनका समर्थन चाहेंगी. बजट सत्र समाप्त होने के बाद अब सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती से किसी भी दिन विचार विमर्श हो सकता है.

सोनिया के एक दो दिन में उन दलों से भी चर्चा करने की उम्मीद है जिनके संसद में केवल एक एक सदस्य हैं और वे संप्रग को समर्थन दे रहे हैं.

कांग्रेस का जहां तक सवाल है तो वह इस शीर्ष पद के लिये सहमति का मंत्र जाप कर रही है और इसकी वजह शायद यह है कि उसे पता है कि अगर संप्रग और बाहर से समर्थन दे रहे कुछ दल एकजुट नहीं रहते तो निर्वाचक मंडल में उसके लिये संख्या बल की समस्या पैदा हो जायेगी.

Advertisement
Advertisement