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सेनाध्यक्ष का कोर्ट जाना जाना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’: सरकार

सरकार ने उम्र के मुद्दे के निपटारे के लिये सेनाध्यक्ष वी के सिंह के उच्चतम न्यायालय में जाने को ‘दुर्भाग्यपूण घटनाक्रम’ बताया है. रक्षा राज्य मंत्री एम एम पल्लम राजू ने मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा, ‘यह दुर्भाग्यूपूर्ण घटनाक्रम है.

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वी के सिंह
वी के सिंह

सरकार ने उम्र के मुद्दे के निपटारे के लिये सेनाध्यक्ष वी के सिंह के उच्चतम न्यायालय में जाने को ‘दुर्भाग्यपूण घटनाक्रम’ बताया है.

रक्षा राज्य मंत्री एम एम पल्लम राजू ने मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा, ‘यह दुर्भाग्यूपूर्ण घटनाक्रम है और यह रक्षा मंत्रालय अथवा सशस्त्र बलों में से किसी के लिये भी स्वस्थ परम्परा नहीं है.’

वह एनसीसी के एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार की योजना सेनाध्यक्ष को छुट्टी पर भेजने की है अथवा वह किसी नये सेनाध्यक्ष की नियुक्ति की संभावना पर गौर कर रही है.

क्या जन्मतिथि के मुद्दे पर न्यायालय में घसीटे जाने से सरकार शर्मिंदगी महसूस कर रही है इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह सार्वजनिक बहस का मामला नहीं है. यह एक अस्वस्थ परम्परा है. यह मंत्रालय अथवा बलों में किसी के लिये उचित नहीं है.’

सिंह ने जन्मतिथि पर अपने दावे को सरकार द्वारा खारिज किये जाने को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. रक्षा मंत्रालय ने हाल में उनकी यह दलील ठुकरा दी कि वह 1950 में नहीं बल्कि 1951 में पैदा हुए थे. मंत्रालय ने हाल के अपने आदेश में उनकी जन्म तिथि दस मई 1950 बतायी जबकि सिंह के अनुसार उनकी जन्म तिथि दस मई 1951 है.

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