भारत में अक्सर जैसे ही बच्चे एक तय उम्र पार करते हैं, परिवारों में शादी की चिंता शुरू हो जाती है. रिश्तेदारों से बात होती है, जान-पहचान के लोगों से संपर्क किया जाता है और कोई अच्छा रिश्ता बताओ वाली बातचीत आम हो जाती है. इसके बावजूद कई लोग लंबे समय तक सिंगल रह जाते हैं. विदेश में रहने वालों के लिए यह तलाश और भी अकेली हो जाती है, जहां रिश्ता ढूंढना अक्सर सिर्फ डेटिंग ऐप्स और खुद की कोशिशों तक सीमित रह जाता है. कई बार ये अनुभव इतने कड़वे हो जाते हैं कि अकेले रहना ही ज्यादा सुरक्षित लगने लगता है.
ऐसी ही एक कहानी सोशल मीडिया पर लाखों लोगों के दिल को छू गई है. यह कहानी है 32 साल की बेकी की, जो यूके के ब्रिसबेन में रहने वाली एक प्रोजेक्ट मैनेजर हैं. बेकी का एक इमोशनल वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने अपनी तन्हाई और नाकाम डेटिंग अनुभवों के बारे में खुलकर बात की. बेकी पिछले 15 सालों से सिंगल हैं और उनका कहना है कि पुराने अनुभवों ने उन्हें इतना तोड़ दिया है कि अब डेटिंग का ख्याल भी डराने लगता है.
वीडियो में बेकी ने एक कड़वी सच्चाई शेयर की, जिसे बहुत से लोग महसूस तो करते हैं लेकिन कह नहीं पाते. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक सिंगल रहने से ऐसा लगने लगता है कि शायद खुद में ही कोई कमी है. बेकी ने कहा कि किसी भी लड़के ने कभी मुझसे यह नहीं कहा कि वह मुझसे प्यार करता है. मुझे तो यह भी नहीं पता कि अगर कभी प्यार हुआ, तो मैं उसे पहचान भी पाऊंगी या नहीं.. उन्होंने डेटिंग को ऐसा जॉब इंटरव्यू बताया, जिसके लिए मैंने कभी अप्लाई ही नहीं किया.
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अकेलेपन ने क्यों बना दिया डेटिंग से डर
बेकी की कहानी तब और भावुक हो जाती है, जब उन्होंने बताया कि ढाई साल पहले उन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) नाम की गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी का पता चला. इस बीमारी ने न सिर्फ उनकी सेहत बदली, बल्कि उनके आत्मविश्वास और रिश्तों को लेकर सोच पर भी गहरा असर डाला. उन्होंने माना कि किसी नए इंसान से मिलना और अपनी बीमारी के बारे में बताना उन्हें डराता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग पहले उनकी बीमारी देखेंगे, उन्हें इंसान के तौर पर नहीं.
बेकी की ईमानदारी ने लाखों लोगों को छू लिया. हजारों लोगों ने कमेंट कर अपने अनुभव साझा किए. किसी ने लिखा कि वह दशकों से सिंगल है और सोचता है कि क्या अगले 40 साल भी ऐसे ही गुजरेंगे. वहीं कई लोगों ने बेकी को भरोसा दिलाया कि प्यार की कोई समय-सीमा नहीं होती और जल्दबाजी में रिश्ते में जाना अक्सर नुकसान ही करता है.
खुद अकेलापन महसूस करने के बावजूद बेकी ने कहा कि उन्हें अपने भाई और उसकी गर्लफ्रेंड का रिश्ता देखकर खुशी मिलती है और वह भी कभी ऐसा रिश्ता जीना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वक्त के साथ प्यार को देखने का उनका नजरिया बदल गया है. पहले मैं रिश्तों को बहुत रोमांटिक नजर से देखती थी, अब उन्हें उनकी हकीकत के साथ देखती हूं. उन्होंने यह भी कहा कि अकेले सोना अच्छा लगता है, लेकिन हर सुबह अकेले उठना अब भी दर्द देता है.
बेकी ने समाज के उस दबाव पर भी बात की, जिसमें लोगों से उम्मीद की जाती है कि जिंदगी एक तय स्क्रिप्ट के मुताबिक चले—शादी, घर और फिर बच्चे. उन्होंने इसे कई लोगों के लिए बेहद नाइंसाफ बताया. अपने जैसे लोगों के लिए उन्होंने संदेश दिया, “आपमें कुछ भी गलत नहीं है. आप किसी से पीछे नहीं हैं. लंबे समय तक सिंगल रहना आपको प्यार के लायक कम नहीं बनाता. किसी काल्पनिक टाइमलाइन के लिए खुद को जबरदस्ती रिश्ते में मत धकेलिए. सबसे जरूरी है ऐसी जिंदगी बनाना, जिसमें आप खुश रह सकें.”