इमरान ने इस मौके पर पाकिस्तान-मलेशिया संबंध, विश्व के देशों के सामने इस्लाम की सही व्याख्या पेश करने, इस्लामोफोबिया से निपटने जैसे मुद्दों पर भी अपनी राय रखी.
गौरतलब है कि भारत ने हमेशा से इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना और भारत में आतंकवादी हमलों की साजिशें रचना बंद कर दे तो फिर वह उससे वार्ता के लिए तैयार है. आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा निर्णायक कदम नहीं उठाया जाना भारत को नामंजूर है और अच्छे रिश्ते की राह की सबसे बड़ी बाधा है.