एक विशाल गुलाबी मछली, एक रंग-बिरंगा मोर, केकड़ा, हवाई जहाज और स्कूल, ये खिलौने नहीं हैं. ये ताबूत हैं. ऐसे रंग-बिरंगे ताबूत घाना में देखने को मिलेंगे, जिन्हें अबेबुओ यानी काल्पनिक ताबूत नाम से जाना जाता है. (Photo - AP)
घाना के अकारा में गा लोगों के बीच यह रिवाज है कि वो अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई ऐसे ताबूत में देते हैं, जिसका डिजाइन उनकी पूरी जीवन-गाथा को दर्शाता हो. यही वजह है कि यहां अलग-अलग रंग और रूप के ताबूत बनवाए जाते हैं. (Photo - AP)
अलग-अलग डिजाइन के ये ताबूत सिर्फ मृतक को दफनाने के लिए नहीं, बल्कि उनके जीवन के सार को मूर्त रूप देने के लिए बनाया गया है. एक किसान को किसी कार वाले ताबूत में नहीं दफनाया जा सकता, बल्कि उसका ताबूत उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए औजारों या उसकी उगाई गई फसलों का रूप ले सकता है. घाना के एक पूर्व स्कूल मालिक के अंतिम संस्कार के दौरान स्कूल के आकार के ताबूत में कुछ लोग उन्हें ले जाते दिख रहे हैं. (Photo - AP)
ताबूतों के डिजाइन अपने आप में एक कहानी होती है, जो मृतक की जिंदगी से जुड़ी होती है. यह उस शख्स का अंतिम संदेश बन जाता है. लोग अपने प्रियजनों को धूमधाम से अंतिम विदाई देते हैं. क्योंकि यह उन्हें सम्मान देने का आखिरी मौका होता है. (Photo - AP)
काल्पनिक ताबूत, जो अकरा के गा लोगों के बीच आम है. अब एक व्यापक प्रचलन बनता जा रहा है, जो साधारण लकड़ी के बक्सों का रंगीन विकल्प प्रस्तुत करता है. मृतकों को अब साधारण ताबूत में दफनाने के बजाय उनकी शख्सियत को दर्शाने वाली चीजों के रूप में बने कॉफिन में अंतिम विदाई दी जाती है. (Photo - AP)
जब कोई परिवार अपने किसी प्रियजन को खो देता है, तो वे यह तय करने के लिए इकट्ठा होते हैं कि उन्हें कैसे श्रद्धांजलि दी जाए. वे एक कारपेंटर वर्कशॉप में जाते हैं. इसके बाद मृतक की जिंदगी के बारे में बढ़ई को बताया जाता है और उनके मार्गदर्शन से मृतक के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि के तौर पर ताबूत तैयार किया जाता है. (Photo - AP)
ताबूत कैसा हो, इसका चुनाव हर व्यक्ति के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है. एक मछली विक्रेता को उसकी बेची गई मछली के रूप में याद किया जा सकता है. शेर के आकार के ताबूत केवल सरदारों के लिए आरक्षित होते हैं, क्योंकि यह जानवर शक्ति का प्रतीक है. (Photo - AP)
अकरा के एक उपनगर, लाबाडी में, शाही परिवार अपने प्रतीक मुर्गे से बंधे होते हैं, जो केवल उनके वंश के लिए आरक्षित एक डिजाइन है. किसी विशेष ताबूत का अधिकार कभी भी मनमाना नहीं होता. यह पहचान मृतक के व्यवसाय और स्थिति को दर्शाता है. (Photo - AP)
प्रत्येक ताबूत को बनाने में लगभग दो हफ्ते लगते हैं. इसकी लागत लगभग 700 डॉलर से शुरू होती है, जो लकड़ी के प्रकार और डिजाइन की जटिलता पर निर्भर करती है.घाना में अंतिम संस्कार एक जीवंत आयोजन होता है. (Photo - AP)
अंतिम संस्कार को लोग इसे मृतक को श्रद्धांजलि देने का एक अंतिम अवसर मानते हैं. यही वजह है कि संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक विरासत के जीवंत प्रदर्शन वाले समारोहों के साथ अपने प्रियजनों को लेग अंतिम विदाई देते हैं. जहां परिवार काल्पनिक ताबूतों को श्रद्धांजलि के रूप में देखते हैं, वहीं संग्रहकर्ता उन्हें कला के रूप में देखते हैं. घाना के अकारा में स्थित एक दुकान में बढ़ई ताबूत को स्कूल का आकार देते हुए दिख रहा है. (Photo - AP)