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पूरे दिन घर में रहने पर शरीर को हो सकते हैं ये नुकसान, एक्सपर्ट ने चेताया

प्रतीकात्मक तस्वीर
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कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले साल लोगों को घर में रहने की काफी हिदायतें मिली हैं. यही वजह है कि ज्यादातर लोगों का साल 2020 घर में ही समय काटते हुए बीता है. कोरोना की समस्या खत्म भी नहीं हुई है और अब कड़ाके की ठंड ने भी लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है. हाल ही में एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट ने पूरा दिन घर पर बिताने के चलते शरीर के हालातों को लेकर बात की है. 
 

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डॉ जो डेनियल्स एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं और कोरोना वायरस महामारी के दौरान वे कई ऐसे मरीजों के साथ डील कर चुकी हैं जिन्हें इस दौर में बैचेनी की परेशानी थी. स्टायलिस्ट मैगजीन के साथ बातचीत में डॉ डेनियल्स ने कहा- सबसे पहले तो मैं कहना चाहूंगी कि ये बेहद सामान्य है कि इस दौर में ज्यादा बाहर निकलने का मन ना करे. इस सीजन के दौरान ज्यादातर लोग सुस्ती में सर्दियां बिताना पसंद करते हैं.

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उन्होंने कहा कोरोना भी एक वजह है जिसके चलते लोग ज्यादा से ज्यादा अपने घरों के आरामदायक वातावरण में ही समय बिताना चाहते हैं. जाहिर है, आप इस दौरान चाहेंगे कि बाहर ना निकला जाए. लेकिन ये भी सच है कि इसके कुछ नुकसान भी हैं. अक्सर मानसिक तौर पर लोगों को समस्याएं आती हैं जब हमारी कुछ बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं. अगर हम काफी अधिक समय तक घर पर ही रहते हैं तो अपनी कुछ बुनियादी जरूरतों से महरूम हो सकते हैं और ये धीरे-धीरे परेशानी का सबब बनते हुए आपको तनाव दे सकती है. 

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डॉ डेनियल्स ने आगे कहा- ये बात आपने कई बार सुनी होगी लेकिन इसे फिर दोहराना जरूरी है क्योंकि ये बेहद महत्वपूर्ण है. एक्सरसाइज शरीर के लिए बहुत जरूरी है. ये शारीरिक के साथ ही साथ मानसिक तौर पर भी आपको बेहतर बनाती है क्योंकि व्यायाम से आपका शरीर खुलता है और टेंशन और बैचेनी जैसी चीजें कम होती हैं. इसके अलावा आपके शरीर से हैप्पी हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जो आपके मूड को बेहतर बनाते हैं और आपके शरीर को इंफेक्शन से बेहतर तरीके से लड़ने के लिए तैयार करते हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि यूं तो कोरोना के चलते हम सोशलाइजेशन ज्यादा नहीं कर सकते हैं पर ये भी सच है कि इंसान सामाजिक जानवर होता है और दूसरे लोगों से बात करने पर हमें नए तरह के परिप्रेक्ष्य और धारणाएं मिलती हैं. बहुत ज्यादा समय अकेले बिताने से आप अपने ही विचारों में घिरे रह सकते हैं और अगर आप खुश नहीं हैं तो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए चीजें खराब हो सकती हैं. ऐसे में अंदर और बाहर का बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है. अगर एक्सरसाइज भी संभव ना हो तो कम से कम दिन में आत्ममंथन के लिए ही सही लेकिन वॉक के लिए जरूर जाएं.  
 

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