क्या आप अकेले यात्रा करना पसंद करते हैं और रात में भी सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं, जहां रात में पैदल या अकेले घूमना भी सुरक्षित माना जाता है. ये देश मजबूत कानून-व्यवस्था, सामाजिक ताने-बाने और प्रभावी संस्थानों की वजह से टॉप पर हैं.
इन देशों में न केवल अपराध दर कम है, बल्कि वहां का प्रशासन, निगरानी और समुदाय में भरोसा लोगों को रात में भी सुरक्षित महसूस कराता है. हालांकि, भारत इस सूची में बीच के देशों के स्तर पर आता है.
गैलप की रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर 98% के स्कोर के साथ पहले स्थान पर है. इसके बाद ताजिकिस्तान 95%, चीन 94% और ओमान 94% आते हैं. वहीं, सऊदी अरब 93%, हांगकांग 91%, कुवैत 91%, नॉर्वे 91%, बहरीन 90% और संयुक्त अरब अमीरात 90% भी इस लिस्ट में शामिल हैं. ये सभी देश अपने मजबूत कानून-व्यवस्था और प्रभावी प्रशासन के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण यहां के नागरिक और पर्यटक दोनों ही सुरक्षित महसूस करते हैं.
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इन देशों के शीर्ष पर होने के पीछे कई कारण हैं. सिंगापुर, चीन और खाड़ी देशों में, सुरक्षा की यह भावना उनके मजबूत शासन और सख्त कानून प्रवर्तन से आती है. क्योंकि इन जगहों पर बुनियादी ढांचे और निगरानी पर ज्यादा निवेश किया गया है. दूसरी ओर, नॉर्वे जैसे देशों में सुरक्षा का आधार अलग है. यहां की रैंकिंग सख्त कानूनों के बजाय समुदाय के आपसी विश्वास और सामाजिक एकजुटता पर आधारित है. लोगों का मानना है कि उनके आसपास के लोग भी कानून का पालन करेंगे. इन उदाहरणों से यह पता चलता है कि सुरक्षा का मतलब सिर्फ अपराध की कमी नहीं, बल्कि उन प्रणालियों (कानूनी, संस्थागत या सामाजिक) में विश्वास है जो लोगों को उनके माहौल पर भरोसा दिलाती हैं.
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यह रिपोर्ट बताती है कि रात में बाहर निकलना हर जगह एक जैसा नहीं है. शीर्ष देशों में एशिया, खाड़ी और उत्तरी यूरोप के देश शामिल हैं. हालांकि भारत भी 72% के स्कोर के साथ वैश्विक औसत से काफी ऊपर है, जो बुल्गारिया और साइप्रस के बराबर है. यह एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह शहरों में मौजूद बुनियादी ढांचे और सामाजिक असमानता की चुनौतियों को भी दर्शाता है. इसके अलावा लैटिन अमेरिका और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ हिस्से सबसे निचले पायदान पर हैं, जहां ब्राजील 51% और दक्षिण अफ्रीका 33% जैसे देशों में सुरक्षा को लेकर सबसे कम भरोसा है.