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सैर सपाटा

वृंदावन के लिए एडवाइजरी, खाटू श्याम से अयोध्या तक भीड़...बिगड़ सकता है नए साल का प्लान

Varanasi Kashi Vishwanath
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नया साल आते ही कई लोग सोचते हैं कि इसकी शुरुआत भगवान के दर्शन से किया जाए, ताकि पूरा साल शुभ रहे. लेकिन यही सोच जब लाखों लोगों के मन में एक साथ आती है, तो आस्था के ये बड़े केंद्र अचानक भीड़ से भर जाते हैं. लंबी लाइनें, घंटों इंतजार और धक्का-मुक्की आपके सुकून भरे प्लान को तनाव में बदल सकती है. ऐसे में बेहतर है कि नए साल पर इन मशहूर तीर्थस्थलों पर जाने से थोड़ा बचा जाए, क्योंकि यहां भारी भीड़ आपकी यात्रा का मजा किरकिरा कर सकती है. चलिए जानते हैं इस नए साल किन-किन तीर्थस्थलों पर जाने से बचना समझदारी होगी, ताकि आप बाद में आराम से और सुकून के साथ दर्शन कर सकें.

Photo: PTI
 

Ayodhya Ram Mandir
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1. अयोध्या

पिछले कुछ सालों में अयोध्या नए साल पर सबसे ज्यादा भीड़ वाला धार्मिक स्थल बन गया है. सरयू स्नान, रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी लाइनें लग जाती हैं. कई बार सुरक्षा कारणों से रास्ते बंद हो जाते हैं, जिससे दर्शन में पूरा दिन निकल सकता है.

Photo: PTI

Varanasi Kashi Vishwanath
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2. वाराणसी

नए साल के मौके पर काशी में श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक कई गुना इजाफा हो जाता है, जिससे बाबा विश्वनाथ के मंदिर से लेकर दशाश्वमेध घाट की गलियों तक में भारी भीड़ जमा हो जाती है. ऐसे में होटल की बुकिंग हो या फिर नाव और घाट की सैर, हर जगह घंटों का लंबा इंतजार आपकी भक्ति और उत्साह को भारी थकान में बदल सकता है. इसलिए अगर आप टाल सकते हैं तो अपना प्रोग्राम थोड़ा आगे कर लें.

Photo: Pexels
 

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 Vaishno Devi Katra
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3. वैष्णो देवी मंदिर 

नए साल के मौके पर कटरा से भवन तक की चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है, क्योंकि लाखों लोग एक साथ मां के दर्शन के लिए निकल पड़ते हैं. यात्रा पर्ची से लेकर ट्रैक और मुख्य मंदिर तक हर तरफ लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे कड़ाके की ठंड और बेतहाशा भीड़ के बीच बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह सफर काफी कष्टदायक हो जाता है.

Photo: Pixabay
 

 Mahakaleshwar Ujjain
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4. महाकालेश्वर मंदिर

नए साल की शुरुआत महाकाल के दर्शन से करने की चाह में उज्जैन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच जाते हैं और देखते-ही-देखते मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ने लगती है. इतना ही नहीं भस्म आरती की बुकिंग कई दिन पहले ही भर जाती है, जिसके बाद सामान्य दर्शन के लिए भी लोगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है. ऐसे में लंबा इंतजार और भारी भीड़ मिलकर यात्रा के उत्साह को धीरे-धीरे थकान में बदल देती है.

Photo: PTI
 

 Mathura Vrindavan
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5. वृंदावन और मथुरा

नए साल पर कृष्ण नगरी में भक्तों की भीड़ अचानक बढ़ जाती है और मंदिर, जन्मभूमि और परिक्रमा मार्गों पर हर तरफ पैरों तले जगह कम पड़ जाती है. ऐसे में जो लोग शांति और भक्ति के लिए आते हैं, उन्हें भीड़ और अव्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखना पड़ता है. इस वजह से कई बार यह सफर उनके लिए थकावट और असुविधा में बदल जाता है. इस साल तो खासतौर पर एडवाइजरी जारी की गई है कि 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक अगर लोग अपनी यात्रा टाल दें तो ज्यादा बेहतर होगा. 

Photo: Pixabay
 

Khatu Shyam Temple
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6. खाटू श्याम

नए साल के मौके पर खाटू श्याम में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त उछाल आता है, जिसके चलते मंदिर की ओर जाने वाले तमाम रास्तों पर वाहनों का लंबा जाम लग जाता है. बाबा के दर्शन के लिए घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ता है और भीड़ का दबाव इतना अधिक होता है कि श्याम कुंड और आसपास के इलाकों में आम सुविधाओं के लिए भी भारी मशक्कत करनी पड़ती है.

Photo: ITG
 

Golden Temple Amritsar
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7. स्वर्ण मंदिर

नए साल के मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में देश-विदेश से इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं कि दर्शन और लंगर के लिए घंटों लंबी कतारें लग जाती हैं. कड़ाके की ठंड और बेतहाशा भीड़ के बीच लंबा इंतजार न सिर्फ यात्रा के सुकून को खत्म कर देता है, बल्कि आपकी श्रद्धा और उत्साह को भारी थकान में बदल देता है.

Photo: PTI
 

Jagannath Puri Temple
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8. जगन्नाथ मंदिर

नए साल के मौके पर जगन्नाथ पुरी में दर्शन की चाह रखने वाले श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ता है कि मंदिर के आसपास ट्रैफिक जाम और होटलों की भारी किल्लत हो जाती है. घंटों के लंबे इंतजार और समुद्र तट से लेकर मंदिर परिसर तक फैली बेतहाशा भीड़ के कारण, आपकी सुकून भरी यात्रा की उम्मीद भारी परेशानी में बदल सकती है. 

Photo: incredibleindia.gov.in
 

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