उदित राज (Udit Raj) कांग्रेस के सदस्य हैं. वे 2014 से 2019 के बीच लोकसभा में संसद के सदस्य थे. वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में उत्तर पश्चिमी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते थे, लेकिन अपने पहले कार्यकाल के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी. वे एक सिविल सेवक थे और नई दिल्ली में आयकर के पूर्व उपायुक्त, संयुक्त आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त हैं. राज दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी संगठनों के परिसंघ (DOMA परिसंघ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
1 जनवरी 1958 को इलाहाबाद के राम नगर में जन्मे उदित राज ने 1980 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी यात्रा शुरू की. आर्थिक कठिनाइयों को पार करते हुए, उन्होंने 1988 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और गाजियाबाद और दिल्ली में भारतीय राजस्व सेवा में सेवा की. उनके पास एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री है. कोटा के इमैनुएल बाइबल कॉलेज से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और उन्होंने 355 लेख लिखे हैं.
1990 में सीमा बहल से शादी की और दो बच्चों के पिता हैं. उन्होंने 2003 में सामाजिक-राजनीतिक कार्यों के लिए अपनी सरकारी भूमिका छोड़ दी.
शशि थरूर कांग्रेस के सांसद होकर भी मुश्किलें राहुल गांधी की ही बढ़ा रहे हैं. पहलगाम हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और फिर सीजफायर तक शशि थरूर के बयान से फजीहत तो कांग्रेस की ही हो रही है.
पहलगाम हमले पर कांग्रेस के कई नेता पार्टी की फजीहत करा रहे हैं, और हैरानी की बात है कि उनमें सिद्धारमैया जैसे सीनियर नेता भी शामिल हैं. सुना है, राहुल गांधी काफी नाराज हैं - और बेकाबू नेताओं को कंट्रोल करने का जिम्मा उठाया है मल्लिकार्जुन खड़गे ने.
पहलगाम हमले के बाद देश भर में पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग जोर शोर से हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने की घोषणा की है - लेकिन, पार्टी-पॉलिटिक्स का अपना अलग ही मिजाज है, और वो चालू है.
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि बीजेपी दबाव बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस झुकने वाली नहीं है. उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति बताया. उदित राज ने बीजेपी पर वेंडेटा पॉलिटिक्स का आरोप लगाया.
उदित राज ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'बसपा का उदय अन्य दलों से अलग है, क्योंकि इसकी शुरुआत एक सामाजिक आंदोलन से हुई थी और बाद में यह एक राजनीतिक पार्टी बन गई. लेकिन अब इसका भाजपाकरण हो गया है.' उन्होंने मायावती से कई सवाल पूछे और कहा, आकाश आनंद ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा के साथ गठबंधन होना चाहिए, अन्यथा हम जीरो पर रह जाएंगे.
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के औरंगजेब के महिमामंडन करने के बाद विपक्ष विशेषकर कांग्रेस नेताओं में होड़ लगी हुई है कि कौन इस मुगल शासक को कितना महान और उदार शासक बता सकता है. जाहिर है कि यह सब बीएमसी चुनावों और बिहार विधानसभा चुनावों को आधार मानकर रणनीति बनाई जा रही है.
कांग्रेस उदित राज ने बीएसपी नेताओं से कांग्रेस में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बीेएसपी में दलितों या ओबीसी के लिए कोई मिशन नहीं बचा है. उन्होंने ये बातें बीएसपी द्वारा आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटाए जाने के बाद के कुछ घंटे बाद की हैं.