एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बुधवार को एक और बड़ी कामयाबी हासिल की, जब उसके स्टारशिप रॉकेट की टेस्ट फ्लाइट सफल रही. इसमें सुपर हेवी बूस्टर ने मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) में कंट्रोल्ड स्प्लैशडाउन किया. यह लॉन्च टेक्सास के बोका चीका स्थित स्पेसएक्स के स्टारबेस सेंटर से हुआ. इस उड़ान ने कंपनी की उस कोशिश को और आगे बढ़ाया जिसमें स्टारशिप के दोनों हिस्सों (बूस्टर और ऊपर वाला स्टेज) को पूरी तरह से बार-बार इस्तेमाल करने लायक बनाया जा रहा है.
लॉन्च के तुरंत बाद सुपर हेवी बूस्टर और स्टारशिप का ऊपरी हिस्सा अलग हो गए. इसके बाद बूस्टर ने हवा में गोते खाते हुए इंजन बर्न करके अपनी दिशा को कंट्रोल किया. इस बार कंपनी ने जमीन पर लैंडिंग या टावर से पकड़ने की कोशिश नहीं की, बल्कि जानबूझकर बूस्टर को समुद्र में उतारा. इस तरीके से इंजीनियरों को बूस्टर के इंजन दोबारा चालू होने और हवा में संतुलन बनाने की असली स्थितियों की अहम जानकारी मिली, वो भी बिना किसी ढांचे या उपकरण को नुकसान पहुंचाए.
हिंद महासागर में स्टारशिप का स्प्लैशडाउन
इधर, स्टारशिप का ऊपरी हिस्सा उड़ान जारी रखते हुए लगभग ऑर्बिट की रफ्तार तक पहुंच गया. इसके बाद उसने दोबारा इंजन चालूकर हाई-स्पीड री-एंट्री टेस्ट किया और प्लान के मुताबिक हिंद महासागर में स्प्लैशडाउन किया. इस मिशन से पहले की उड़ानों में कंपनी ने धीरे-धीरे स्टेज सेपरेशन, हीट शील्ड की मजबूती और इंजन परफॉर्मेंस जैसी चीजों में सुधार दिखाया था.
रीयूजेबल स्टारशिप सिस्टम का सपना
स्पेसएक्स का बड़ा लक्ष्य है कि बूस्टर और स्टारशिप दोनों को बार-बार इस्तेमाल किया जा सके, ताकि लॉन्च की लागत बहुत कम हो जाए. आने वाली उड़ानों में बूस्टर को जमीन पर टावर से पकड़ने की कोशिश होगी, लेकिन इस बार का स्प्लैशडाउन ज्यादा सुरक्षित तरीका था और कई अहम तकनीकें टेस्ट हो गईं.

(Photo: SpaceX)
यह 10वां टेस्ट फ्लाइट था और यह दिखाता है कि स्पेसएक्स धीरे-धीरे लेकिन लगातार अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट- पूरी तरह से रीयूजेबल स्टारशिप सिस्टम- को हकीकत बना रहा है. यही सिस्टम नासा के आर्टेमिस लूनर लैंडिंग प्रोग्राम और एलन मस्क के मंगल पर इंसानों को भेजने के सपने की नींव है.