पाकिस्तान के लोकप्रिय विपक्षी नेता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एकांत कारावास में हैं जहां उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर की 'हाइब्रिड सरकार' ने उन्हें मुश्किल हालातों में कैद कर रखा है और कुछ समय पहले उनकी मौत की अफवाह भी सामने आई थी. हालांकि, भारी हो-हल्ला और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच दिसंबर की शुरुआत में इमरान खान की बहन को उनसे मिलने की इजाजत दी गई थी, जिसके बाद अफवाहों पर विराम लगा. हालांकि, पीटीआई संस्थापक की हालत को लेकर चिंता लगातार बनी हुई है.
इसी बीच इमरान खान के दोनों बेटों कासिम खान और सुलेमान खान का एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें वो आरोप लगा रहे हैं कि उनके पिता को 'मौत की कोठरी' यानी डेथ सेल में रखा गया है. ब्रिटेन स्थित स्काई न्यूज की पत्रकार याल्दा हकीम से बात करते हुए कासिम खान ने कहा है कि उन्होंने और उनके भाई सुलेमान ने वीजा के लिए आवेदन कर दिया है और जनवरी में पाकिस्तान जाने की प्लानिंग कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पिता को 'डेथ सेल' में रखा गया है.
इमरान खान के बेटों का यह इंटरव्यू ऐसे समय आया है जब इमरान की बहनें उनसे मिलने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. पुलिस शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों को भी रोक रही है और हाल ही में एक प्रदर्शन को पानी की बौछारों से तितर-बितर कर दिया गया. पीटीआई का आरोप है कि अधिकारियों ने 'रासायनिक तत्व मिले' पानी का इस्तेमाल किया.
अदालत के आदेश के बावजूद इमरान खान से जेल में किसी को नहीं मिलने दिया जा रहा है. इमरान के परिवार और पार्टी ने जेल के भीतर उनकी हालत को लेकर चिंता जताई है.
बुधवार तड़के जारी इंटरव्यू में लंदन में रहने वाले कासिम और सुलेमान से पूछा गया कि क्या उन्होंने इमरान से मिलने की अनुमति के लिए पाकिस्तानी सरकार से संपर्क किया है. याल्दा हकीम ने यह भी उल्लेख किया कि पहले दोनों भाइयों ने बताया था कि उन्हें 'पाकिस्तान न आने की चेतावनी' दी गई है. जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि वो 'आ सकते हैं और इमरान से मिल सकते हैं.'
इस पर कासिम ने कहा, 'अब हम प्लानिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने यह बात खुले तौर पर कही है. जब तक वो अपने शब्दों से पीछे नहीं हटते, हमें उम्मीद है कि हम जनवरी में जा पाएंगे. हमने वीजा के लिए आवेदन कर दिया है… अभी आया नहीं है, लेकिन हमें उम्मीद है कि आ जाएगा, इसलिए हम जनवरी में पाकिस्तान जाने की प्लानिंग कर रहे हैं.'
जब उनसे पूछा गया कि वे इमरान से मिलने पर क्या कहेंगे और क्या उनसे ‘डील’ करने पर विचार करने को कहेंगे, तो कासिम ने कहा कि उनके पिता का जीवन और उद्देश्य ही पाकिस्तान से भ्रष्टाचार खत्म करना है. कासिम ने कहा, 'अगर वो कोई समझौता करके हमारे पास इंग्लैंड आ जाएं, तो उनके भीतर हमेशा यह पीड़ा रहेगी कि उन्होंने अपने देश को बेसहारा छोड़ दिया. वे उदास हो जाएंगे. यह उनका मकसद है, और इसका सम्मान किया जाना चाहिए.'
कासिम ने कहा कि वो ये बात जानना चाहते हैं कि इमरान को जेल से बाहर निकालने में वे कैसे मदद कर सकते हैं क्योंकि फिलहाल वो खुद को बेहद बेबस महसूस करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान इमरान अपनी हालत पर बात करने से हमेशा बचते हैं और परिवार का हालचाल पूछते रहते हैं.
जब इमरान खान के बेटों से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इमरान कभी जेल से बाहर आएंगे तो दोनों ने निराशा जताई. कासिम ने कहा कि हालात बदतर होते जा रहे हैं और सत्ता में बैठे लोग और अधिक मजबूत होते जा रहे हैं जिससे उनके पिता के बाहर निकलने का रास्ता मुश्किल दिखाई दे रहा है. कासिम ने कहा, 'हमें डर है कि शायद हम उन्हें फिर कभी न देख पाएं.'
सुलेमान ने कहा कि इमरान किसी भी तरह का समझौता करने वाले व्यक्ति नहीं हैं और इस स्थिति में अंतरराष्ट्रीय दबाव ही बदलाव लाने का प्रभावी तरीका हो सकता है.
जेल की परिस्थितियों पर कासिम ने कहा, 'हालात बहुत खराब हैं.' सुलेमान ने बताया कि जिस सेल में इमरान को रखा गया है, वो एक 'डेथ सेल' है जहां रोशनी बेहद कम है, कभी-कभी बिजली काट दी जाती है और पानी गंदा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा नहीं उतरता.
सोशल मीडिया पर इमरान की संभावित मौत की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुलेमान ने कहा कि यह अनुभव बेहद तनावपूर्ण था. कासिम ने इसे 'झकझोर देने वाला' बताया.
इंटरव्यू में यह भी जिक्र आया कि इमरान की बहन उज्मा खानम को दिसंबर की शुरुआत में उनसे मिलने की अनुमति मिली थी. उज्मा से मिली जानकारी के आधार पर सुलेमान ने कहा कि जेल में उनके पिता शारीरिक रूप से ठीक थे, लेकिन जेल की परिस्थितियों से बेहद नाराज थे. बहन से मुलाकात में उनकी नाराजगी सामने आई जिसके बाद उन्हें और अलग-थलग करने की कोशिशें तेज हुईं.
जब सुलेमान से पूछा गया कि वो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे वर्ल्ड लीडर्स से क्या कहना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, 'कम से कम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिसका फिलहाल उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने इमरान की स्थिति की 'स्वतंत्र निगरानी' की भी मांग की.
कासिम ने कहा कि अदालत के आदेशों का पालन हो और कानून के राज का सम्मान हो. उन्होंने मांग की कि इमरान को उनके प्राइवेट डॉक्टर्स से मिलने की इजाजत दी जाए.
पाकिस्तान में हालिया संवैधानिक संशोधनों, खासतौर पर सेना प्रमुख मुनीर को दी गई इम्यूनिटी को लेकर कासिम ने कहा कि इमरान को इससे हैरानी नहीं होगी, क्योंकि देश हर तरह से सैन्य तानाशाही की ओर बढ़ रहा है.
उधर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विदेशी मीडिया सलाहकार मुशर्रफ जैदी ने स्काई न्यूज के ही कार्यक्रम में कहा कि इमरान खान लगभग 860 दिनों से जेल में हैं और इस दौरान उन्होंने सैकड़ों मुलाकातें की हैं और इंटरव्यू दिए हैं.
उन्होंने दावा किया कि यह एकांत कारावास नहीं है और सुरक्षा कारणों से कुछ समय के लिए मुलाकातें रोकी गई थीं. उन्होंने यह भी कहा कि इमरान के प्राइवेट डॉक्टर्स को उनसे मिलने की इजाजत है और राजनीतिक चर्चा पर जेल नियमों के तहत प्रतिबंध है.