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इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर नहीं बन पाई सहमति, कतर में पहले दौर की वार्ता रही बेनतीजा

हमास और इजरायल के बीच अप्रत्यक्ष सीजफायर को लेकर पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रही. दोहा में अप्रत्यक्ष वार्ता के पहले सत्र के बाद फिलिस्तीनी सूत्रों ने दावा किया कि इजरायली प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए हैं और उनके पास हमास के साथ समझौता करने की वास्तविक शक्ति नहीं है.

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इजरायली हमलों में बिल्डिंग तबाह.
इजरायली हमलों में बिल्डिंग तबाह.

कतर की राजधानी दोहा में रविवार को हमास और इजरायल के बीच अप्रत्यक्ष सीजफायर वार्ता का पहला दौर बिना किसी समझौते के खत्म हो गया. दो फिलिस्तीनी सूत्रों ने बताया कि इजरायली प्रतिनिधिमंडल के पास सच में फैसले लेने की पर्याप्त शक्ति नहीं थी, जिसके कारण ये वार्ता बेनतीजा रही. 

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दोहा में अप्रत्यक्ष वार्ता के पहले सत्र के बाद सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि इजरायली प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए हैं और उनके पास हमास के साथ समझौता करने की वास्तविक शक्ति नहीं है.

ये वार्ता ऐसे वक्त में हुई जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अपनी तीसरी वाशिंगटन यात्रा पर रवाना होने वाले थे. नेतन्याहू ने रवाना होने से पहले कहा कि इजरायली वार्ताकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. 

उन्होंने कहा, 'सीजफायर वार्ता में भाग लेने वाले इजरायली वार्ताकारों को उन शर्तों के तहत समझौता करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें इजरायल ने स्वीकार किया है.'

सीजफायर वार्ता आगे बढ़ने में मदद करेगी मुलाकात

नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात सीजफायर वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. 

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उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ चर्चा निश्चित रूप से इन परिणामों को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है.' नेतन्याहू ने कहा कि उनका एक मुख्य लक्ष्य हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करना और इजरायल के लिए हमास के खतरे को खत्म करना शामिल है.

वहीं, जैसे-जैसे इजरायल पर सीजफायर और गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बढ़ रहा है. नेतन्याहू के अपनी ही सरकार के अंदर विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उनके दक्षिणपंथी गठबंधन के कुछ सदस्य सीजफायर का विरोध कर रहे हैं. जिसका विदेश मंत्री गिदोन सार समेत अन्य नेताओं से समर्थन किया है.

हमास ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

इससे पहले हमास ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित सीजफायर प्रस्ताव पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी. अमेरिका की लगातार सीजफायर की कोशिशों के बावजूद कई मुद्दों को  लेकर हमास और इजरायल की बीच असहमति बनी हुई है. हमास से संबंधित एक फिलिस्तीनी समूह के अधिकारी ने बताया कि मानवीय सहायता, मिस्र में राफा सीमा क्रॉसिंग को खोलने और गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा जैसे मुद्दों पर अभी-भी मतभेद है.

नेतन्याहू के कार्यालय ने बाद में कहा कि हमास ने प्रस्ताव में दिए गए कुछ बदलावों इजरायल को स्वीकार्य नहीं हैं. हालांकि, इजरायल ने पुष्टि की कि उनका प्रतिनिधिमंडल कतर योजना के आधार पर चर्चा जारी रखने के लिए कतर जाएगा, जिसे इजरायल ने पहले ही स्वीकार कर लिया है.

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इसके साथ ही नेतन्याहू ने कहा कि वह ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात में हाल के 12-दिवसीय इजरायल-ईरान हवाई संघर्ष के परिणामों को मजबूत करने और तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, 'हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रमों ने शांति के दायरे को विस्तार देने का एक वास्तविक अवसर पैदा किया है.'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सोमवार को व्हाइट हाउस में नेतन्याहू के साथ उनकी मुलाकात में ईरान के साथ स्थायी समझौते पर चर्चा होगी. ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ कई चीजों पर काम कर रहा है, जिसमें ईरान के साथ स्थायी समझौता भी शामिल है.

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