मेट्रो शहरों के अभिभावक अपने बच्चों को शहर के अच्छे स्कूलों में पढ़ाते हैं. उनके बच्चों को जब अच्छी पढ़ाई की वजह से विदेश में नौकरी मिल जाती है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता. लेकिन ये बच्चे विदेश में ही सेटल हो जाते हैं और यहां भारत में मां-बाप अकेले रह जाते हैं. इस तरह उनका अपना घर ही बन जाता है वृद्धाश्रम. संजय सिन्हा से सुनिए रिश्तों की हकीकत बताती एक मार्मिक कहानी...