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TRAI के सिल्वर जुबली समारोह में पीएम मोदी ने लॉन्च किया 5G टेस्टबेड

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह मेें शिरकत की. पीएम ने इस कार्यक्रम में 5G टेस्टबेड लॉन्च कर दिया.

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PM Narendra Modi (Image credit: AFP)
PM Narendra Modi (Image credit: AFP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने जारी किया डाक टिकट
  • 1997 में हुई थी TRAI की स्थापना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 5G टेस्टबेड को लॉन्च कर दिया है. ये देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री और स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा. इसके अलावा ये उनके प्रोडक्ट्स, प्रोटोटाइप और सॉल्यूशन को पांचवें जेनरेशन में वैलिडेट करेगा. पीएम ने टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ये स्वदेश निर्मित टेस्टबेड लॉन्च किया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर डाक टिकट भी जारी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 G टेस्टबेड लॉन्च करने के बाद इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम बताया. पीएम मोदी ने इसे विकसित करने वाली टीम को बधाई दी और दूरसंचार के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और भविष्य की योजनाएं भी बताईं.

पीएम मोदी ने कहा कि अगले 15 साल में 5G नेटवर्क से देश की अर्थव्यवस्था को 450 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमने गरीब से गरीब के हाथ तक मोबाइल पहुंचाने पर जोर दिया. इसके लिए देश में ही मोबाइल फोन बने, इस तरफ ध्यान दिया गया और इसका नतीजा ये हुआ कि आज देश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की संख्या दो से बढ़कर आज दो सौ पहुंच गई है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का है. उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि 2014 तक सौ ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर से नहीं जोड़ी गई थीं. पीएम ने दावा किया कि आज हमने करीब ढाई लाख गांवों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा दी है. उन्होंने ये भी कहा कि 6G पर भी तेजी से काम चल रहा है.

8 इंस्टीट्यूट ने मिलकर किया है डेवलप

5G टेस्ट बेड को टोटल 8 इंस्टीट्यूट ने मिलकर डेवलप किया है. इसे IIT मद्रास के नेतृत्व में डेवलप किया गया है. इस प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी (CEWiT) शामिल हैं. 

सरकार की ओर से ये जानकारी दी गई थी कि इस प्रोजेक्ट को डेवलप करने में 220 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है. ये टेस्टबेड इंडियन इंडस्ट्री और स्टार्टअप के लिए सपोर्टिव इकोसिस्टम को एनेबल करेगा. टेलीकॉम मंत्रालय के अनुसार इस साल के अंत तक 5G टेक्नोलॉजी को तैयार कर लिया जाएगा. 

ट्राई की स्थापना

आपको बता दें कि ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी. दूरसंचार पर कंट्रोल के लिए इसकी स्थापनी की गई थी. अभी PD Vaghela TRAI के चेयरमैन हैं. ट्राई के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव भी शामिल थे.

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