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'डब्बा ट्रेडिंग' पर ED की रेड... कैश-महंगी वॉच और लग्जरी कारें लगाते थे दांव पर

Dabba Trading को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की है, जिसमें टीम ने 3.3 करोड़ रुपये, महंगी वॉच और ज्वैलरी आदि बरामद की हैं. इस छापेमारी के दौरान कुछ लोगों की पहचान भी की गई है. आइए जानते हैं कि डब्बा ट्रेडिंग क्या होती है?

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ED ने Dabba Trading की रेड के तहत कैश और महंगी घड़ियां बरामद की हैं. (Photo: ITG)
ED ने Dabba Trading की रेड के तहत कैश और महंगी घड़ियां बरामद की हैं. (Photo: ITG)

Dabba Trading पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और इंदौर का नाम शामिल है. इस ट्रेडिंग को ऑपरेट करने वाले गिरोह की भी पहचान की गई है. छापेमारी के तहत कैश, ज्वैलरी और काफी कुछ बरामद किया गया है. 

ED की इस छापेमारी के दौरान कैश के रूप में बड़ी रकम मिली है. ED की इस रेड के तहत 3.3 करोड़ रुपये नगद, लग्जरी वॉच, ज्वैलरी, फॉरेन करेंसी, और कई लग्जरी व्हीकल आदि बरामद हुए हैं. 

छापेमारी के बाद ऐप्स की भी इनवेस्टीगेशन जारी है 

Dabba Trading पर ED की रेड के बाद कुछ ऐप्स की भी इन्वेस्टिगेशन की जा रही है. इसमें  VMoney, VM Trading, Standard Trades Ltd, IBull Capital, LotusBook, 11Starss और GameBetLeague के नाम शामिल हैं. 

डब्बा ट्रेडिंग को ऑपरेट करने वाले लोगों की पहचान की जा चुकी है. इसमें विशाल अग्निहोत्री, धवल देवराज जैन और मयूर के नाम सामने आए हैं. अब सवाल आता है कि आखिर Dabba Trading क्या है और कैसे लोगों को नुकसान पहुंचाती है? आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं. 

Dabba Trading क्या होता है? 

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Dabba Trading एक गैर कानूनी ट्रेडिंग है, जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भी मान्यता नहीं देता है. इसे बॉक्स ट्रेडिंग और बकेट ट्रेडिंग के नाम से भी जानते हैं. इसमें स्टॉक पर बोली लगाई जाती है, जिसके लिए कैश या ऑनलाइन पेमेंट की जाती है. लेटेस्ट केस में नगदी, महंगी वॉच और ज्वेलरी आदि शामिल है. 

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Dabba Trading ऐसे काम करता है? 

Dabba Trading के अंदर ट्रेडर्स को एक अनरजिस्टर्ज ब्रोकर्स के पास जाकर ऑर्डर प्लेस करना होता है. इसके लिए ब्रोकर के प्राइवेट बैंक अकाउंट में रकम भेजनी होती है या फिर उन्हें कैश के रूप में रकम दी जाती है. 

यहां हैरान करने वाली बात यह है कि इस दौरान रजिस्टर्ड शेयर मार्केट के स्टॉक नहीं खरीदे जाते हैं. यह रकम असल में शेयर की मूमेंट पर लगाई जाती है कि वे ऊपर जा रहे हैं या फिर नीचे.

अगर शेयर ऊपर जाता है तो ब्रोकर प्रोफिट की रकम ट्रेडर्स को देनी पड़ती हैं. वहीं अगर शेयर नीचे की तरफ जाता है तो ट्रेडर्स को रकम ब्रोकर को शेयर करनी पड़ती है. 

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Dabba Trading के खतरे क्या हैं? 

  • Dabba Trading को लेकर पहले ही बता चुके हैं कि यह SEBI से रजिस्टर्ड नहीं होता है. यहां रुपयों का कानूनी तौर पर कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है. 
  • डब्बा ट्रेडिंग के तहत फ्रॉड होने का भी खतरा रहता है. इसका कोई रजिस्टर्ड ऑफिस या बैंक अकाउंट नंबर ना होने की वजह से वे ठग आपकी रकम लेकर भाग सकते हैं. ऐसे में आप अपनी मोटी रकम गवा सकते हैं.  
  • Dabba Trading गैर कानूनी है और इसमें अगर कोई भी शामिल पाया जाता है तो उसे जेल और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है. 
  • नो इनवेस्टर्स प्रोटेक्शन: Dabba trading  के तहत लगाए गए रुपयों का कोई लिखित ब्योरा नहीं होता है. साथ ही इसमें इनवेस्टर्स की रकम के लिए कोई प्रोटेक्शन आदि नहीं होता है. ऐसे में आपकी रकम पर हमेशा रिस्क बना रहता है. 

Dabba trading में लोग क्यों लगाते हैं रकम? 

Dabba trading में कई लोग इसलिए अपनी रकम लगाते हैं, ताकि वह वे टैक्स आदि बच सकें और अपनी ब्लैक मनी को डबल कर सके. कई बार Dabba trading  के तहत ब्रोकर्स कम बेहद ब्रोकरेज की मांग करते हैं, जिसके झांसे में कई भोले-भाले लोग भी शिकार हो जाते हैं.  

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