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बिना नंबर-बिना पहचान! क्या है सेशन ऐप जिससे दिल्ली हमले का आरोपी कर रहा था चैट

दिल्ली ब्लास्ट को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है कि डॉक्टर उमर नबी (उमर मोहम्मद) सेशन मोबाइल ऐप का यूज कर रहा था. इस ऐप के लिए ना मोबाइल नंबर और ना ही जीमेल आईडी की जरूरत होती है. उमर तुर्की के अंकारा में बैठे अपने हैंडलर 'UKasa' (संभावित कोडनेम) के साथ इस ऐप से चैट करता था.

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दिल्ली ब्लास्ट: उमर ऐप की मदद से चैटिंग कर रहा था. (Photo: ITG)
दिल्ली ब्लास्ट: उमर ऐप की मदद से चैटिंग कर रहा था. (Photo: ITG)

दिल्ली में 10 नवंबर की वो शाम सभी को याद रहेगी, जिसमें लाल किले के सामने एक भीषण विस्फोट हुआ. इस हादसे में 12 लोग मारे गए और कई जख्मी हो गए. जांच एजेंसी ने बताया है कि विस्फोटक से लदी ह्यूंडई i20 कार में आतंकी डॉक्टर उमर नबी (उमर मोहम्मद) था. इस दौरान एक मोबाइल ऐप का भी नाम सामने आया है, जो सेशन ऐप है. 

आजतक की रिपोर्ट में बताया है कि उमर का तुर्की के अंकारा में बैठे अपने हैंडलर 'UKasa' (संभावित कोडनेम) के साथ संपर्क होता था, जिसके लिए वह सेशन ऐप का यूज करता था. सूत्रों के मुताबिक मार्च 2022 में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे.

सेशन ऐप क्या है?

सेशन ऐप को लेकर जब इंटरनेट पर सर्च किया तो प्ले स्टोर पर एक ऐप नजर आया. इस ऐप का नाम सेशन-प्राइवेट मैसेंजर है. प्ले स्टोर पर लिस्टेड डिटेल्स में बताया है कि यह एक नए टाइप का प्राइवेट मैसेंजर है, जिसके लिए यूनिक नेटवर्क का यूज किया जा सकता है.

नहीं है कोई सेंट्रल सर्वर 

इसमें कोई सेंट्रल सर्वर नहीं है. साथ ही ऐप के लिए बताया है कि वह ना तो डेटा सेल करता है और ना ही डेटा लीक करता है. 

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नंबर और ईमेल की जरूरत नहीं

सेशन ऐप, एक फुली प्राइवेट अकाउंट क्रिएशन है. इस ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए फोन नंबर और ईमेल आईडी आदि की जरूरत नहीं होती है. ब्लास्ट मामले को लेकर अभी जांच जारी है. 

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DNA टेस्ट से हुआ बड़ा खुलासा 

लाल किले के पास हुए धमाके के दौरान कार में बैठा शख्स आतंकी डॉ उमर मोहम्मद था, जिसका खुलासा DNA टेस्ट से हो गया है. DNA टेस्ट में आतंकी डॉ उमर मोहम्मद और उनका मां का सैंपल 100 परसेंट मैच हो गया है. दरअसल, धमाके में ब्लास्ट वाली कार में बैठे ड्राइवर के चिथड़े उड़ गए थे, जिसके बाद पहचान करने में मुश्किल हो रही थी. इसके बाद जांच एजेंसियों ने DNA टेस्ट का सहारा लिया. 

'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' क्या होता है?  

यह 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' का एक सनसनीखेज मामला है. इसमें जाने-माने सम्मानित पेशे के लोग जुड़े होते हैं, जिसमें डॉक्टर और कई पढ़े लिखे लोग शामिल होते हैं.

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