भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के पीछे खेलों को बड़ा जरिया माना जाता रहा है. लेकिन लगता है कि दोनों देशों के बीच खेल का रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच गया है.
जम्मू-कश्मीर में दोनों देशों के बीच जारी तनाव का असर खेलों पर भी पड़ता दिख रहा है. पहले तो हॉकी इंडिया लीग में भाग लेने भारत आए 9 पाकिस्तानी खिलाडि़यों को वापस भेज दिया गया. उसके बाद मुंबई में होने वाले महिला क्रिकेट वर्ल्डकप पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन ने भी इसकी मेजबानी करने से इनकार कर दिया है.
उधर बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आईपीएल में इस बार भी पाकिस्तानी खिलाडि़यों को शामिल नहीं करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि 2010 में आईपीएल के तीसरे संस्करण से ही पाकिस्तानी खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेल सके हैं.
खेल मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा है कि खेल के मैदान में पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ता रखना फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है और भारत की जनता भी इसके खिलाफ है.