थंगजान तबाबी देवी ने ओलंपिक स्तर पर भारत को जूडो में पहला पदक दिलाते हुए युवा खेलों में महिलाओं के 44 किलो वर्ग में रजत पदक जीता. मणिपुर की एशियाई कैडेट चैंपियन तबाबी देवी को यूथ ओलंपिक के फाइनल में वेनेजुएला की मारिया जिमिनेज ने 11-0 से हराया.
भारत ने जूडो में सीनियर या जूनियर किसी भी स्तर पर कभी ओलंपिक पदक नहीं जीता है.
At the stroke of midnight, we witnessed a historic Silver 🥈 laden moment when Tababi Devi Thangjam became the first judoka to win an Olympic medal for #TeamIndia 🇮🇳 at the @youtholympics #BuenosAires2018 ! Only much prouder of the 16-year-old 👏#FeelTheFuture #IAmTeamIndia pic.twitter.com/Xapxuf732E
— Team India (@ioaindia) October 8, 2018
तबाबी देवी ने सेमीफाइनल में क्रोएशिया की विक्टोरिया पुलिजिच को 10-0 से हराया था. उससे पहले उसने भूटान की यांगचेन वांगमो को 10-0 से मात दी थी.
मौजूदा खेलों में उनका रजत भारत का दूसरा पदक है. इससे पहले निशानेबाज तुषार माने ने 10 मीटर एयर राइफल में दूसरा स्थान हासिल किया था.
तैराकी में राष्ट्रीय चैंपियन श्रीहरि नटराज पुरुषों के 100 मीटर बैकस्ट्रोक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके. वह सेमीफाइनल में नौवें स्थान पर रहे.
नटराज ने 56.48 सेकेंड का समय निकाला, जो हीट्स के 56.75 सेकंड से बेहतर था. भारत ने 2014 में नानजिंग में हुए युवा खेलों में रजत और कांस्य पदक जीते थे. भारत ने 2010 में छह रजत और दो कांस्य पदक जीते थे. भारत के 47 खिलाड़ी इन खेलों में भाग ले रहे हैं .