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'मौकापरस्त' बीजेपी पर शिवसेना का तंज, 'अपनों को भूलकर नए साथियों की तलाश'

शिवसेना और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है. इसका एक और सबूत गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय से मिला है. इस लेख के जरिए ने शिवसेना ने बीजेपी के नए साथियों पर चुटकी तो ली ही है साथ में बीजेपी के साथियों की तलाश के अभियान पर सवाल भी उठाए हैं.

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शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे

शिवसेना और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है. इसका एक और सबूत गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय से मिला है. इस लेख के जरिए ने शिवसेना ने बीजेपी पर चुटकी तो ली ही है साथ में बीजेपी के साथियों की तलाश के अभियान पर सवाल भी उठाए हैं.

'सामना' के संपादकीय में लिखा है, 'राजनीति में कोई साधु-संत नहीं बचा है. हर कोई संधीसाधु (मौका परस्त) हो गया है. आजकल मौका परस्त लोग सत्ता के लिए दुश्मनों से लड़ने के बजाय अपने सिर पर ही डंडे मार रहे हैं.'

बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा गया है, 'बीजेपी नए साथी तो बना रही है पर वह पुराने साथियों को विश्वास में नहीं ले रही. बिहार में रामविलास पासवान को साथ ले लिया तो स्थानीय नेता नाराज हो गए. हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला को एनडीए गठबंधन में लाने से पहले कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस को विश्वास में नहीं लिया गया. कल तक कांग्रेस के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री रहीं एनटी रमाराव की बेटी बीजेपी में शामिल हो गई पर टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू को इसकी जानकारी नहीं दी गई. ऐसा ही ड्रामा महाराष्ट्र में भी हुआ.'

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आगे लिखा गया है, 'हाल के दिनों में महाराष्ट्र में जो हुआ इसके बाद बीजेपी पर प्रश्नचिन्ह लगा क्या वह मैत्री की कद्र करनेवाली और विश्वास करने लायक भरोसेमंद पार्टी है.'

संपादकीय में आगे लिखा गया है, 'हमारा विचार प्रखर हिंदुत्व का विचार है और रहेगा. कोई साथ रहे या ना रहे. हमारे हिंदुत्व की लड़ाई सिर्फ सत्तालोभी या डोलायमान नहीं है. सत्ता की भूख लगी तो हिंदुत्व के वस्त्र त्यागकर गोबर में हम मुंह नहीं डालने वाले. मुख्य बात यह है कि हिंदुत्व के विचार में विश्वासघात के लिए कोई जगह नहीं है. बीजेपी को दिल्ली की सत्ता चाहिए और मोदी को पीएम बनना है तो उन्हें स्वयं विश्वास पैदा करना होगा. विश्वास दिए बिना विश्वास नहीं मिलता. शिवसेना खुद की लड़ाई लड़ने में समर्थ है. परंतु जिन राज्यों के मित्रों ने साथ दिया उन्हें रास्ते का पत्थर करार देकर किनारे करेंगे तो जनता के मन में अविश्वास आएगा.

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