इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने इजरायल के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "जब तक फ़िलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं दिए जाते और कोई न्यायसंगत समझौता नहीं होता,हम इज़रायल को कभी स्वीकार नहीं कर सकते."
इजरायल को लेकर पाकिस्तान की ये धारणा उसकी खेल नीतियों को भी प्रभावित करती है. पाकिस्तान की खुद को मुसलमानों का झंडाबरदार मानने की धारणा ने उसके राजनीतिक फिलॉसफी को भी प्रभावित किया है. यही वजह है कि इजरायल के वजूद को ही स्वीकार न करने वाला पाकिस्तान इजरायल के साथ खेल के रिश्ते भी नहीं रखता है.
आज जब भारत की क्रिकेट टीम ने पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों से सहानुभूति जताते हुए आतंक परस्त पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हैंडशेक से इनकार कर दिया है तो पाकिस्तान तिलमिला उठा है.
टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाया है.
इस समय पाकिस्तान को भारत की ये प्रतिक्रिया भले ही बुरी लग रही हो लेकिन पाकिस्तान इजरायल के साथ वर्षों से ऐसा व्यवहार करता आया है.
आइए हम आपको कुछ मौके बताते हैं जब खुद पाकिस्तान ने इजरायल के साथ खेलने से इनकार कर किया था.
1956 एएफसी एशियन कप क्वालीफायर (फुटबॉल): पाकिस्तान को 1956 में एएफसी एशियन कप क्वालिफायर में इज़राइल के खिलाफ खेलना था. यह वह समय था जब अरब लीग के देश इज़रायल का बहिष्कार कर रहे थे. इज़रायल का गठन 14 मई 1948 को हुआ था. अरब देशों का लगता था कि इजरायल का गठन फिलीस्तीन हकों का हनन है. 1947 में नया नया पाकिस्तान खुद को मुस्लिम देशों का अगुआ समझता था.
पाकिस्तान ने मौका मिलते ही इजरायल के साथ मैच खेलने से इनकार कर दिया और क्वालीफायर से हट गया. यह निर्णय राजनीतिक था.
1974 एशियाई खेल (तेहरान): 1974 में तेहरान में आयोजित एशियाई खेलों में इज़रायल शिरकत कर रहा था. लेकिन इजरायल की भागीदारी का
पाकिस्तान सहित कई अरब देशों ने विरोध किया. वजह फिर से फिलीस्तीन की थी.
पाकिस्तान ने इज़राइल की मौजूदगी के कारण कुछ खेलों में हिस्सा लेने से मना कर दिया. पाकिस्तान वैसे खेलों में शिरकत करने से इनकार कर दिया जहां उसका मुकाबला इजरायल से हो सकता था.
इसके बाद इजरायल को एशियाई खेलों से बाहर कर दिया गया. बाद में इजरायल यूरोपीय खेल संगठनों में शामिल हो गया,
1989 वर्ल्ड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप: 1989 में पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ खेलने से ही इनकार कर दिया था.
इससे नाराज इजरायली खेल अधिकारियों ने पाकिस्तानी टीम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी. चैंपियनशिप के आयोजकों के अनुसार पाकिस्तान को दूसरे दौर के मैच में इज़रायल से खेलना था लेकिन वे समय पर नहीं पहुंच पाए. इसके बाद इस मैच को रद्द कर दिया गया.
तब इज़राइल टेबल टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्लोमो केदार ने कहा था कि उनका मानना है कि पाकिस्तान टीम की अनुपस्थिति जानबूझकर थी.
2008 बीजिंग ओलंपिक: 2008 बीजिंग ओलंपिक में पाकिस्तानी टेनिस खिलाड़ी ऐसम-उल-हक कुरैशी ने हिस्सा लिया. हालांकि इजरायली खिलाड़ियों के साथ संभावित डबल्स या मिश्रित डबल्स मुकाबले की स्थिति में पाकिस्तान ने सख्त नीति अपनाई. पाकिस्तान ने यह सुनिश्चित किया कि ऐसम किसी इजरायली खिलाड़ी के साथ जोड़ी न बनाए या उनके खिलाफ न खेले. यानी कि इजरायल के साथ मैच न खेलना पड़े इसके लिए पाकिस्तान अपनी टीम ही बदल देता था.
हालांकि ऐसम ने बाद में 2002 में इजरायली खिलाड़ी अमीर हद्दाद के साथ निजी टूर्नामेंट में खेला. लेकिन ओलंपिक जैसे आधिकारिक आयोजनों में ऐसा नहीं हुआ.
अब एंडी पायक्राफ्ट पर भड़ास
अब एशिया कप में भारत से पटखनी खाने के बाद पाकिस्तान मैच रेफरी मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. पाकिस्तान ने एंडी पायक्राफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग ICC से की थी. लेकिन ICC ने उसकी मांग खारिज कर दी थी. अब फैसला लिया गया है कि एंडी पायक्रॉफ्ट की जगह रिची रिचर्डसन पाकिस्तान बनाम UAE मैच के लिए मैच रेफरी होंगे.