भारतीय हॉकी टीम ने गुरुवार को हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अब तक टूर्नामेंट में अविजित रहे ब्रिटेन को 2-1 से हरा दिया. भारतीय टीम पूरे 35 वर्षों के बाद ब्रिटिश टीम को हराने में सफल हुई है. इस जीत के साथ टीम इंडिया HWL फाइनल के सेमीफाइनल में प्रवेश कर गई.
सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में भारत के लिए दोनों गोल वीआर रघुनाथ और तलविंदर सिंह ने किए, जबकि ब्रिटेन के लिए सिमोन मैंटेल एकमात्र गोल कर सके. भारतीय टीम अब सेमीफाइनल मुकाबले में बेल्जियम और अर्जेटीना के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टर फाइनल मैच के विजेता से भिड़ेगी. लीग चरण के तीनों मैच हारने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने गुरुवार को जबरदस्त वापसी की और मैच समाप्त होने से आठ मिनट पहले तक 2-0 की बेहतरीन बढ़त बनाए रखी.
गोलकीपर ने किया शानदार बचाव
भारतीय टीम की जीत में स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने कई शानदार बचाव किए. भारत के अनुभवी ड्रैग फ्लिकर वीआर रघुनाथ ने मैच के 13वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को 1-0 से बढ़त दिला दी, जिसे भारतीय टीम मध्यांतर तक कायम रखने में सफल रहा. मैच के तीसरे क्वार्टर में 39वें मिनट में तलविंदर सिंह ने गोल कर भारत की बढ़त को दोगुना कर दिया.
ब्रिटिश टीम ने हालांकि मेजबान भारत की अपेक्षा कहीं अधिक हमले किए और मौके बनाए, बल्कि दोगुना हमले किए. ब्रिटिश टीम को पेनाल्टी के भी छह मौके मिले, जिसमें से वे सिर्फ एक को गोल में तब्दील कर सके.
यहां मिस किया चांस
दूसरी ओर, भारत ने मिले एकमात्र पेनाल्टी को भुना लिया. भारत ने शानदार शुरुआत की और आठवें मिनट में देवेंद्र वाल्मिकी अकेले ही बेहद तेजी से ब्रिटिश गोलपोस्ट केडी में प्रवेश कर गए. हालांकि उनके साथी खिलाड़ी वह तेजी नहीं दिखा सके और गोलपोस्ट के ठीक सामने अकेले पड़ गए, जिससे वाल्मिकी का यह प्रयास जाया गया.
अगले ही मिनट में ब्रिटिश टीम मैच का अपना पहला पेनाल्टी हासिल करने में सफल रही, लेकिन भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने इयान स्लोआन का शॉट अपने सीने पर रोक लिया. आकाशदीप ने कप्तान सरदार सिंह के साथ फिर एक और अच्छा हमला किया, हालांकि ब्रिटिश डिफेंडर उनके प्रयास को असफल करने में कामयाब रहे. ब्रिटेन की ओर से मैच के 52वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर सिमोन मैंटेल अपनी टीम के लिए एकमात्र गोल कर सके.
विरोधी की रणनीति और कामयाब अंत
आखिरी मिनटों में भारतीय टीम अत्यधिक रोमांच से थोड़ी घबराई नजर आई और उन्होंने कई मौके गंवाए. जबकि ब्रिटिश टीम ने आखिरी के पांच मिनट बिना गोलकीपर के खेले और गोलकीपर की जगह एक अतिरिक्त स्ट्राइकर को मैदान पर बुला लिया. हालांकि, ब्रिटेन की इस रणनीति को भारतीय टीम ने कामयाब नहीं होने दिया और अंत तक 2-1 से अपनी बढ़त कायम रखी.
-इनपुट IANS से