बीसीसीआई सचिव पद से इस्तीफा दे चुके संजय जगदाले का कहना है कि खेल प्रेमियों का विश्वास बहाल करने के लिये बड़ी स्तर पर सफाई की जरूरत है. जगदाले ने कहा कि आईपीएल के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण से क्रिकेट को भारी नुकसान हुआ है.
जगदाले ने शनिवार को कुछ संवादाताओं के सामने कहा, ‘आईपीएल में फिक्सिंग की घटनाओं से क्रिकेट को खासा नुकसान हुआ है. इससे उबरने के लिये बड़ी सफाई करनी पड़ेगी. परंतु यह काम इतनी जल्दी नहीं होगा, क्योंकि नुकसान बहुत बड़ा है.’
62 वर्षीय खेल प्रशासक ने कहा कि क्रिकेट में फिक्सिंग को रोकना बड़ा कठिन है और बीसीसीआई की अपनी सीमाएं हैं, लेकिन बीसीसीआई अपने निगरानी तंत्र को और मजबूत बनाकर फिक्सिंग पर अंकुश लगा सकता है. इसके साथ ही, बीसीसीआई को फिक्सिंग के दोषी क्रिकेटरों के लिये कड़ी सजा के प्रावधान करने होंगे.
जगदाले ने कहा, ‘क्रिकेट प्रेमियों का खोया विश्वास बहाल करने के लिये बीसीसीआई के सभी कर्ताधर्ताओं को सबसे पहले दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी और मिलकर कदम उठाने होंगे.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बीसीसीआई को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में लाये जाने से फिक्सिंग रोकने में मदद मिल सकती है. जगदाले ने कहा, ‘अगर श्रीसंत ने (स्पॉट फिक्सिंग के तहत) कमर में रुमाल खोंसकर गेंद फेक दी, तो इसमें आरटीआई क्या करेगा.’
उन्होंने कहा कि वह इस विचार के भी पक्ष में नहीं हैं कि बीसीसीआई या किसी अन्य खेल संगठन को केंद्रीय खेल मंत्रालय के तहत लाया जाना चाहिये. जगदाले ने वर्ष 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल भी तो खेल मंत्रालय के तहत ही हुए थे. इन खेलों के आयोजन से खेल मंत्री सीधे जुड़े थे. मुझे इस बारे में ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है.’
बीसीसीआई के सचिव और कोषाध्यक्ष पदों से क्रमश: जगदाले और अजय शिरके के इस्तीफों से बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन पर इस क्रिकेट संगठन का अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है. इस बारे में पूछे जाने पर जगदाले ने कहा, ‘मेरे इस्तीफे का श्रीनिवासन के पद छोड़ने या नहीं छोड़ने से कोई संबंध नहीं है. मेरा इस्तीफा मेरा निजी निर्णय था. श्रीनिवासन इस्तीफा देंगे या नहीं, यह उनका निर्णय होगा.’
जगदाले ने स्पष्ट किया कि वह चेन्नई में दो जून को बीसीसीआई की आपात बैठक में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने बीसीसीआई सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है, तो मेरा इस बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. अब मैं इस बैठक में किस हैसियत से जाऊंगा.’
बहरहाल, वरिष्ठ प्रशासक ने इस आपात बैठक को ‘जरूरी’ बताते हुए भरोसा जताया कि इसमें बीसीसीआई के ‘परिपक्व’ पदाधिकारी क्रिकेट और इस खेल संगठन के हित में निर्णय लेंगे. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की चेतावनी की खबरों पर जगदाले ने कहा, ‘ऐसी किसी चेतावनी की बात मेरे संज्ञान में कभी नहीं आई. मुझे इस बारे में टीवी की खबरों से ही पता चला है.’
उन्होंने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण की पृष्ठभूमि में बीसीसीआई में अलग-अलग गुटों की आपसी रस्साकशी की बात से इनकार करते हुए कहा, ‘मैंने बीसीसीआई सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कभी महसूस नहीं किया कि इस संगठन में कोई गुटबाजी है.’
जगदाले ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण की जांच के लिये गठित आयोग में शामिल नहीं होने के अपने फैसले के बारे में कहा, ‘मैं इस जांच आयोग में नहीं रहना चाहता, क्योंकि मैं इसमें सहज महसूस नहीं कर रहा था. वैसे भी मेरा आईपीएल से ज्यादा जुड़ाव नहीं रहा है. इस आयोग में उन लोगों को रखा जाना चाहिये, जो आईपीएल के संचालन से सीधे जुड़े हैं.’
क्या श्रीनिवासन के इस्तीफे के बाद जगदाले का बीसीसीआई सचिव के रूप में वापसी का विकल्प खुला है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं (इस पद पर) वापसी के दरवाजे की तरफ देख तक नहीं रहा हूं. मैं अपनी पारी खेल चुका हूं.’