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कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स की मशाल पहुंची भारत

कॉमनवेल्थ गेम्स की मशाल शुक्रवार सुबह भारत पहुंच गई. सत्तर देशों में 1 लाख 70 हजार किलोमीटर का सफर तय करने के बाद शेरा की मशाल हिंदुस्तान पहुंची. पंजाब में वाघा पर इस मशाल का जोरदार स्वागत हुआ.

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दिल्ली में इस साल आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ क्वींस बेटन रिले (क्यूबीआर) शुक्रवार सुबह ऐतिहासिक वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान से भारत पहुंची.

राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने पाकिस्तान ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आरिफ हसन से बेटन ग्रहण की. इस मौके पर राष्ट्रमंडल खेल संघ के प्रमुख माइक फेनेल भी मौजूद थे.

पिछले साल 29 अक्तूबर को लंदन स्थित बकिंघम पैलेस में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की मौजूदगी में महारानी एलिजाबेथ द्वारा रवाना की गई क्यूबीआर अब 100 दिन तक भारत के विभिन्न शहरों में घूमकर दिल्ली पहुंचेगी, जहां तीन से 14 अक्तूबर तक राष्ट्रमंडल खेल खेले जाने हैं.{mospagebreak}भारत पहुंचने के साथ ही बेटन की 71 देशों में एक लाख 90 हजार किलोमीटर की यात्रा अंतिम दौर में पहुंच चुकी है.

कलमाडी ने राष्ट्रमंडल खेल संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर तथा बीजिंग ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता बॉक्सर विजेन्दर सिंह को बेटन देते हुए कहा ‘‘यह भारत में खेलों के लिहाज से महान दिन है. राष्ट्रमंडल खेलों की बेटन ने राष्ट्रमंडल में शामिल देशों के एक लाख 70 हजार किलोमीटर का सफर तय किया है. हम इसे तहेदिल से स्वीकार करते हैं.’’

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उन्होंने कहा ‘‘यह भारत और पाकिस्तान के लिये बहुत बड़ा दिन है. पाकिस्तान की कोशिशों से भारत को इन खेलों की मेजबानी मिली है. यह दर्शाता है कि अगर हम खेलों से जुड़ा नजरिया अपनाने पर ध्यान केन्द्रित करें तो पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों में सुधार हो सकता है.’’ आज पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे वाघा सीमा पर लाई गई बेटन को चार बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एस. सी. मेरी कॉम ने भी थामा.{mospagebreak}कलमाडी ने राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी में देर होने के डर को एक बार फिर खारिज करते हुए विश्वास दिलाया से सभी तैयारियां समय पर पूरी होंगी. कलमाडी ने कहा ‘‘मैं हमें सहयोग कर रहे फेनेल और हूपर का शुक्रगुजार हूं. खेल के लिये जरूरी मूलभूत ढांचे के निर्माण समेत हर काम सही गति से चल रहा है.’’

पाकिस्तान ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष हसन ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों से भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों में तल्खी से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा ‘‘यह हमारे लिये ऐतिहासिक क्षण है. इससे पुराने गिले-शिकवे दूर होंगे.’’ इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और शीर्ष राजनेता तथा अधिकारी मौजूद थे.

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