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अमित पंघल के गोल्डन पंच के आगे नहीं टिक सका ओलंपिक चैंपियन

18वें एशियाई खेलों में 22 साल के अमित पंघल ने गोल्ड मेडल जीता. यह पदक उनके लिए बेहद खास है, क्योंकि उन्होंने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले उज्बेकिस्तान के बॉक्सर को हराया.

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अमित पंघल
अमित पंघल

भारत के युवा मुक्केबाज 22 साल के अमित पंघल ने पुरुषों की 49 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. अमित ने खेलों के 14वें दिन शनिवार को रियो ओलंपिक -2016 के गोल्ड मेडल  विजेता उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामातोव को बेहद रोचक और कड़े मुकाबले में 3-2 से मात देकर एशियाई खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता. दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल.

अमित ने सेमीफाइनल में जिस तरह का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. उसके बाद उनसे स्वर्ण की ही उम्मीद थी. अमित ने उम्मीदों को ध्वस्त नहीं किया और सोने का तमगा अपने गले में डाला. अमित ने शुरुआत अच्छी की. वह पहले राउंड में ओपन गार्ड के साथ उतरे. उनके विपक्षी भी आक्रामक थे और इसी कारण अमित ने हसन से एक तय दूरी बनाए रखी, जिससे ओलंपिक पदक विजेता के पंच चूक गए. एक बार हसन क्लींच के दौरान गिर भी पड़े. वहीं अमित के पंच भी मिस हुए.

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दूसरे राउंड में आते ही अमित ने लेफ्ट जैब और राइट हुक के दो संयोजन एक साथ इस्तेमाल कर अंक बटोरे. दूसरे राउंड में हसन का आत्मविश्वास अमित के पंचों के सामने डोलता दिख रहा था. वह पंच लगा रहे थे, लेकिन वो चूक रहे थे. अमित ने डिफेंस के साथ मौका पाते ही काउंटर करने की रणनीति अपनाई. हसन ने भी इस नीति को भांपते हुए कुछ अच्छे हुक और जैब लगाए जो सटीक रहे.

तीसरे राउंड में दोनों खिलाड़ियों आक्रामक थे. दोनों ने कुछ अच्छे पंच लगाए और बॉडी अटैक किया. यह राउंड बराबरी का हुआ क्योंकि अमित और हसन दोनों के पंच लगे भी तो मिस भी हुए. अंत में पांच में से तीन रेफरियों ने अमित को विजेता माना.

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