भारत के राम सिंह यादव लंदन की सड़कों पर तेज हवाओं के बीच ओलंपिक खेलों की पुरुष मैराथन स्पर्धा में 105 प्रतिभागियों में काफी पीछे 78वें स्थान पर रहे.
युगांडा के स्टीफन किप्रोटिच ने 42.1 किमी की मैराथन दो घंटे आठ मिनट और एक सेकेंड के समय के साथ जीती और इस अफ्रीकी देश को यहां पहला पदक दिलाया.
दूसरे और तीसरे स्थान पर कीनिया के धावकों का कब्जा रहा. अबेल किरुई ने दो घंटे आठ मिनट और 27 सेकेंड के समय के साथ रजत पदत जीता जबकि विल्सन किपसैंग किप्रोटिच (दो
घंटे नौ मिनट और 37 सेकेंड) के खाते में कांस्य पदक आया.
सेना खेल संस्थान पुणे के 31 वर्षीय राम सिंह ने दो घंटे 30 मिनट और 19 सेकेंड का समय लेकर निराशाजनक प्रदर्शन किया. यह दो घंटे 16 मिनट और 59 सेकेंड के उनके निजी
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं है जो उन्होंने जनवरी में मुंबई मैराथन के दौरान हासिल किया था और साथ ही दो घंटे और 18 मिनट का ओलंपिक बी क्वालीफिकेशन स्तर भी हासिल
करने में सफल रहे थे.
मोंट्रियाल 1976 ओलंपिक में शिवनाथ सिंह के बाद यादव ओलंपिक की मैराथन स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय है.
इससे पहले लंबी दूरी के अनुभवी धावक यादव को ओलंपिक से पहले फिटनेस साबित करने को कहा गया था और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ से यहां आने की स्वीकृति मिलने से पहले
उन्होंने कोयंबटूर में सिंथटिक ट्रैक पर 10 किलोमीटर की रेस 32 मिनट और 10 सेकेंड में पूरी की थी. वाराणसी में जन्मे यादव को एएफआई ने इसलिए फिटनेस साबित करने को कहा था
क्योंकि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद उन्होंने काफी समय तक प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लिया था.
स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे शुरू हुई मैराथन को 20 धावक पूरी करने में विफल रहे.