उन्होंने कहा, ‘मैं इसे अपनी भूमिका के तौर पर देखता था और मुझे इस पर गर्व है. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं वीरेंद्र सहवाग के जैसे बल्लेबाजी नहीं करना चाहता था या उस तरह से शॉट नहीं खेलना चाहता था, लेकिन हो सकता है कि मेरा कौशल अलग तरह का हो. मेरा कौशल प्रतिबद्धता और एकाग्रता से जुड़ा था और मैंने इस पर काम किया.’