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Vinesh Phogat Medal Case Updates: विनेश फोगाट CAS के फैसले को देंगी चुनौती? जानें क्या कहता है नियम

CAS ने स्टार रेसलर विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी है. CAS के फैसले के बावजूद ये पूरा मामला अभी खत्म नहीं होने जा रहा है. विनेश फोगाट के पास कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का ऑप्शन है.

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Vinesh Phogat (File Photo: PTI)
Vinesh Phogat (File Photo: PTI)

खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ ओलंपिक गेम्स इस बार पेरिस में आयोजित हुए. पेरिस ओलंपिक की शुरुआत 26 जुलाई को हुई और इसका समापन 11 अगस्त को हुआ. भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन किया था. विनेश 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में पहुंची थीं. हालांकि फाइनल से पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया था, जिसके चलते उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया.

क्या विनेश इस फैसले को चुनौती दे सकती हैं?

विनेश फोगाट ने खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए. हालांकि CAS ने स्टार रेसलर विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी. इसका मतलब है कि अब विनेश को सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा. इसकी सुनवाई पहले ही हो चुकी थी, लेकिन फैसला सुनाने की तारीख लगातार टलती जा रही थी. मगर अब इस मामले में बुधवार (14 अगस्त) को फैसला आया. CAS ने विनेश की अपील खारिज कर दी है.

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CAS के फैसले के बावजूद ये पूरा मामला अभी खत्म नहीं होने जा रहा है. विनेश फोगाट के पास कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का ऑप्शन है. CAS की वेबसाइट के अनुसार सीएएस के किसी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है, लेकिन 'बहुत ही सीमित आधारों' पर. सीएएस वेबसाइट पर कहा गया है, 'स्विस संघीय न्यायाधिकरण में न्यायिक सहायता बहुत सीमित आधारों पर ही दी जाती है, जैसे अधिकार क्षेत्र का अभाव, नियमों का उल्लंघन (जैसे निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन).'

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कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहा IOA

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने सीएएस के के फैसले पर  निराशा व्यक्त की, जिसमें यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ पहलवान विनेश फोगट के आवेदन को खारिज कर दिया गया. उषा ने कहा कि इस मामले को लेकर IOA संस्था कानूनी मदद लेगी. इसके साथ ही पीटी उषा ने ये ऐलान भी किया कि IOA विनेश के साथ खड़ा है और वो कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.

IOA का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील विदुष्पत सिंघानिया ने इस मामले में कहा है कि अभी CAS का सिर्फ एक लाइन में फैसला आया है. जब वो पूरी रिपोर्ट जारी करेंगे उसे देखने के बाद ही हम भी इस पर विस्तार में कुछ कह पाएंगे और आगे क्या करना है वो तय कर पाएंगे. इस फैसले के मायने हैं कि पेरिस ओलंपिक में अब भारत के 6 ही मेडल रहेंगे. इसमें एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.

CAS का क्या काम होता है?

कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट Court of Arbitration for Sport (CAS) दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक स्वतंत्र संस्था है. इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है. 1984 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय निकाय काम खेल से संबंधित विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाते का काम करता है. इसका मुख्यालय लॉजेन , स्विटजरलैंड में है और इसकी अदालतें न्यूयॉर्क शहर, सिडनी और लॉजेन में स्थित हैं. अस्थायी अदालतें वर्तमान ओलंपिक मेजबान शहरों में भी स्थापित की जाती हैं.

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