21वें फीफा वर्ल्ड कप का सफर शुरू होने में महज एक दिन शेष है. इस बीच स्पेन की टीम ने अपने कोच जुलेन लोपेटेगुइ को हटा दिया है. उसने रियल मैड्रिड के पूर्व दिग्गज डिफेंडर फर्नांडो हिएरो को टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है. स्पेन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह घोषणा की. रूस में 14 जून से विश्व कप के मुकाबले खेले जाएंगे. स्पेन अपने अभियान की शुरुआत 15 जून को पुर्तगाल के खिलाफ मैच से करेगा.
OFICIAL | Fernando Hierro asumirá el cargo de seleccionador nacional durante el Campeonato del Mundo de Rusia. https://t.co/g576TRpp3D
— Selección Española de Fútbol (@SeFutbol) June 13, 2018
FIFA World Cup 2018: रूस vs सऊदी अरब, कब-कहां देखें लाइव स्ट्रीमिंग
दरअसल, रियल मैड्रिड ने लोपेटेगुइ को मंगलवार को मुख्य कोच के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी. वह फीफा विश्व कप टूर्नामेंट के बाद जिनेदिन जिदान के स्थान पर रियल क्लब के कोच पद की जिम्मेदारी संभालने वाले हैं. इस घोषणा के एक दिन बाद ही स्पेन फुटबॉल महासंघ (आरएफईएफ) ने कहा कि उसने 51 साल के लोपेटेगुइ को इसलिए कोच पद से हटाया है, क्योंकि रियल क्लब के साथ उनके करार की जानकारी संघ को नहीं थी.
एसोसिएशन के अध्यक्ष लुइस रुबिएलेस ने कहा, 'हमें इस करार के बारे में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पांच मिनट पहले सूचित किया गया था.' उन्होंने कहा, 'करार की जानकारी पहले मिली होती, तो स्थिति कुछ और हो सकती थी. लेकिन यह जानकारी छिपाई गई और इस कारण लोपतेगुई को कोच पद से हटाना पड़ा है.'
रियल ने एक बयान में कहा था ,‘रियल मैड्रिड यह घोषणा करता है कि जुलेन लोपेटेगुइ अगले तीन सत्र में कोच होंगे. वह विश्व कप के बाद टीम से जुड़ेंगे.’ जिनेदिन जिदान ने 31 मई को रियल मैड्रिड से यह कहकर नाता तोड़ लिया कि वह शिखर पर रहकर विदा लेना चाहते हैं.
FIFA 2018: जानिए, इस वर्ल्ड कप की सबसे उम्रदराज टीम कौन?
पिछले ही महीने लोपेटेगुइ ने स्पेन के कोच के रूप में अपना कार्यकाल 2020 तक बढ़ा लिया था. उन्हें यूरो 2016 में स्पेन के खराब प्रदर्शन के बाद विंसेंटे डेल बास्क की जगह कोच बनाया गया था.

जुलेन लोपेटेगुइ
स्पेन की टीम को 2008 से 2012 के बीच रोकना लगभग असंभव हो गया था और इस दौरान टीम ने दो यूरोपीय चैंपियनशिप और विश्व कप (2010) जीता. लेकिन 2014 विश्व कप से टीम का खराब दौर शुरू हुआ. टीम ग्रुप चरण से आगे बढ़ने में नाकाम रही और यूरो 2016 में प्री-क्वार्टर फाइनल में हार गई.
स्पेन की टीम इटली जैसी टीम को पछाड़ते हुए विश्व कप में जगह बनाने में सफल रही है. लोपेटेगुइ ने उभरती हुई प्रतिभा और अनुभव का अच्छा मिश्रण बनाते हुए टीम को लगातार 11वीं बार विश्व कप में जगह दिलाई थी. उनके रहते स्पेन ने 20 में से 14 मैचों में जीत हासिल की थी और बाकी छह मैच ड्रॉ रहे थे.