भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ऐतिहासिक 2-1 से जीत को अपनी ‘सबसे बड़ी उपलब्धि’ करार दिया जिससे कि वर्तमान टीम को एक अलग तरह की पहचान मिलेगी. महेंद्र सिंह धोनी ने आठ साल पहले वानखेड़े में जब वर्ल्ड कप ट्रॉफी हाथ में ली थी तो कोहली उस टीम के सबसे युवा सदस्य थे, लेकिन उनके अनुसार वर्तमान उपलब्धि इस सूची में सबसे ऊपर रहेगी. कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘यह मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. यह सूची में सबसे ऊपर रहेगी. जब हमने विश्व कप जीता था तो मैं टीम का सबसे युवा सदस्य था. मैं देख रहा था कि अन्य खिलाड़ी भावुक हो रहे थे.'
इस सीरीज में जीत से हमें एक टीम के रूप में अलग पहचान मिलेगी. हमने जो हासिल किया मुझे वास्तव में उस पर गर्व है.’ सिडनी में ही चार साल पहले कोहली टेस्ट टीम के स्थायी कप्तान बने थे और इसी मैदान पर उनकी टीम ने नया इतिहास रचा. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हमारे बदलाव की शुरुआत यहीं पर हुई थी जहां मैंने कप्तान पद संभाला था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि चार साल बाद हम यहां जीतने में सफल रहे. मैं केवल एक शब्द कह सकता हूं कि मुझे इस टीम की अगुवाई करने में फख्र महसूस होता है. यह मेरे लिये सम्मान है. खिलाड़ियों के प्रयास से ही कप्तान अच्छा साबित होता है.’
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कोहली ने इस सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले चेतेश्वर पुजारा की जमकर तारीफ की. उन्होंने युवा मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘मैं पुजारा का विशेष जिक्र करना चाहता हूं. वह ऐसा खिलाड़ी है जो हमेशा परिस्थितियों को स्वीकार करता है. वह बहुत अच्छा इंसान है. मैं मयंक अग्रवाल का भी खास जिक्र करना चाहूंगा. बॉक्सिंग डे पर डेब्यू करके उसने बेहतर आक्रमण के सामने शानदार पारी खेली. ऋषभ पंत भी अपने अंदाज में बल्लेबाजी करके आक्रमण पर हावी रहे.’
गेंदबाजों ने साल भर अच्छा प्रदर्शन किया और कोहली ने फिर से उनकी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि एक बार जब बल्लेबाज अच्छे रन बना लेते हैं तो हमारे गेंदबाजों का जवाब नहीं. गेंदबाजों ने केवल इसी सीरीज में नहीं बल्कि पिछले दो दौरों में भी जिस तरह से गेंदबाजी की वैसा मैने भारतीय क्रिकेट में पहले कभी नहीं देखा. वे पिच को नहीं देखते और यह नहीं सोचते कि इससे उन्हें मदद नहीं मिलेगी. यह भारतीय क्रिकेट के लिये नयी चीज है, जो स्वदेश में अन्य गेंदबाजों के लिए भी सीख है.’
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कोहली ने इस जीत को टीम के लिए शुरुआती कदम बताया जो अपनी औसत उम्र के लिहाज से अब भी युवा है. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह हमारे लिए शुरुआती प्रयास है. टीम की औसत उम्र काफी कम है. हमारे लिए सबसे अहम बात यह है कि हमें खुद पर भरोसा है. हमारा इरादा हमेशा अच्छा होता है और इससे भारतीय क्रिकेट आगे बढ़ रहा है.’ कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की हौसलाअफजाई की जो कि पूरी सीरीज में जूझती रही. उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया हमेशा प्रतिस्पर्धी टीम रही. प्रत्येक टीम बदलाव के दौर से गुजरती है और उनके वर्चस्व ने विश्व क्रिकेट को इतने वर्षों तक रोमांचक बनाए रखा. मुझे विश्वास है कि वे एकजुट होकर भविष्य में रोमांचक क्रिकेट खेलेंगे.’