भारतीय टीम इन दिनों श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज़ खेल रही है. गुवाहाटी में हुए पहले मैच में टीम इंडिया ने 67 रनों से जीत दर्ज की, इस मैच में विराट कोहली ने 113 रनों की पारी खेली और साल 2023 की शानदार शुरुआत की. लेकिन टीम इंडिया की प्लेइंग-11 पर सवाल खड़े हुए थे, क्योंकि फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन को जगह नहीं मिली थी.
दोनों ही प्लेयर खास हैं, क्योंकि सूर्या ने अपने पिछले मैच में शतक जड़ा था जबकि ईशान किशन ने अपने पिछले मैच में दोहरा शतक जड़ा था. अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ा है, पृथ्वी शॉ का जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड 379 रनों की पारी खेली है. लेकिन खास बात ये है कि यह तीनों ही खिलाड़ी टीम इंडिया की प्लेइंग-11 में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
सूर्यकुमार यादव: साल 2022 में टी-20 क्रिकेट में धमाल मचाने वाले सूर्यकुमार यादव ने इस साल की भी धमाकेदार शुरुआत की. श्रीलंका के खिलाफ हुई टी-20 सीरीज़ में सूर्यकुमार यादव ने शानदार सेंचुरी जड़ी और कमाल कर दिया. सूर्या ने राजकोट में हुए टी-20 मैच में 112 रनों की पारी खेली, लेकिन इसके बाद वनडे सीरीज़ शुरू हुई और पहले ही मैच में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली.
क्लिक करें: सूर्या को दूसरे वनडे में भी नहीं मिलेगी जगह? श्रीलंका के खिलाफ इस रणनीति से उतरेगी टीम इंडिया
ईशान किशन: श्रीलंका सीरीज़ के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज टीम के साथ जुड़े ईशान किशन को पहले मैच में प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली थी. यह तब हुआ जब बांग्लादेश के खिलाफ खत्म हुई सीरीज़ के आखिरी मैच में उन्होंने दोहरा शतक जड़ा था. तब रोहित शर्मा के चोटिल होने की वजह से ईशान को बतौर बल्लेबाज टीम में जगह मिली थी और उन्होंने 210 रनों की पारी खेली थी.
पृथ्वी शॉ: पिछले करीब दो साल से टीम इंडिया में वापसी का इंतज़ार कर रहे पृथ्वी शॉ लगातार रन बना रहे हैं. अब रणजी ट्रॉफी में बुधवार को उन्होंने कमाल कर दिया, जब मुंबई के लिए खेलते हुए असम के खिलाफ उन्होंने 379 रनों की पारी खेली. लेकिन 23 साल के पृथ्वी शॉ के साथ चिंता यह है कि वह पिछले करीब दो साल से टीम में वापसी की कोशिशें कर रहे हैं और उनके लिए जगह नहीं बन रही है.
क्लिक करें: BCCI की ये कैसी अमीरी? जो पृथ्वी शॉ की रिकॉर्डतोड़ पारी तक नहीं दिखा सकी
ऐसा बार-बार क्यों हो रहा है?
बता दें कि मौजूदा वक्त में टीम इंडिया का पूल इतना बड़ा हो गया है कि सिर्फ 11 खिलाड़ियों को चुनना एक मुश्किल भरा काम है. ऐसे में हर बार यही होता है कि कोई ना कोई बेहतर खिलाड़ी या फॉर्म में चल रहा खिलाड़ी खेल नहीं पाता है क्योंकि टीम मैनेजमेंट कई चीज़ों को ध्यान में रखते हुए एक कॉम्बिनेशन बनाता है और उसके साथ मैच में उतरता है.
ध्यान रहे कि कुछ वक्त पहले तक टीम इंडिया की दो टीमें एक साथ खेल रही थीं, या फिर अगर सीनियर खिलाड़ी ब्रेक पर जाते थे तब एक दूसरी टीम सीरीज़ खेल रही होती थी, जिसकी अगुवाई कई बार शिखर धवन, ऋषभ पंत या केएल राहुल ने की थी. इन सीरीज में इन युवाओं को जगह मिल जाती थी, क्योंकि सीनियर खिलाड़ी तब ब्रेक पर होते हैं. लेकिन सीनियर्स खिलाड़ियों की वापसी के साथ ही जगह पर संकट पैदा होता है.