ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेला गया एशेज टेस्ट मैच दो दिनों में ही समाप्त हो गया था. मुकाबले में तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा और बल्लेबाज बड़े स्कोर बनाने में असफल रहे. इंग्लिश टीम ने इस मुकाबले को चार विकेट से जीत लिया था. ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरुआती तीन मुकाबले जीतकर एशेज पहले रिटेन कर चुकी थी, लेकिन इस हार के चलते वो अब सीरीज में अंग्रेजी टीम का क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगी. सीरीज का आखिरी मुकाबला 4 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाना है.
मेलबर्न टेस्ट मैच के 2 दिनों में ही समाप्त हो जाने के बाद पिच को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. सुनील गावस्कर समेत दिग्गज खिलाड़ियों ने एमसीजी की पिच की आलोचना की थी. अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एमसीजी की पिच की रेटिंग जारी है. ICC मैच रेफरी जैफ क्रो ने एमसीजी की पिच को असंतोषजनक (unsatisfactory) करार दिया है. इसके चलते MCG को एक डिमेरिट अंक दिया गया है.
मैच रेफरी जेफ क्रो ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिच जरूरत से ज्यादा गेंदबाजों के पक्ष में थी. पहले दिन 20 विकेट और दूसरे दिन 16 विकेट गिरे, जबकि दोनों टीमों का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच सका. कुल मिलाकर सिर्फ 142 ओवर में 36 विकेट गिर गए, जिससे मुकाबला दूसरे दिन ही समाप्त हो गया.
ग्राउंड पर कब लगता है बैन?
ICC के पिच रेटिंग सिस्टम के अनुसार ऐसी पिच जो बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच संतुलन न दे और अत्यधिक विकेट मिलने के मौके बनाए, उसे असंतोषजनक माना जाता है. यह रेटिंग एमसीजी के लिए बड़ा झटका है क्योंकि इससे पहले लगातार तीन बॉक्सिंग डे टेस्ट में उसे 'वेरी गुड' रेटिंग मिली थी. आईसीसी के नियमों के मुताबिक अगर किसी मैदान को पांच साल में छह डिमेरिट पॉइंट मिल जाते हैं, तो उस पर 12 महीने तक इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के चीफ ऑफ क्रिकेट जेम्स ऑलसॉप ने माना कि पिच की वजह से दर्शक निराश हुए. उन्होंने कहा कि तीसरे और चौथे दिन के टिकट रखने वाले फैन्स के साथ-साथ दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह निराशाजनक रहा. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी कहा कि यह पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं थी.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इसे कारोबार के लिहाज से खराब बताया. एमसीजी के क्यूरेटर मैट पेज ने स्वीकार किया कि पहले दो दिनों में इतने विकेट गिरते देखकर वह हैरान रह गए. विवादों के बावजूद इंग्लैंड ने यह टेस्ट जीता, जो 2011 के बाद ऑस्ट्रेलिया में उसकी पहली टेस्ट जीत रही.