Why Jitesh Sharma not out on Digvesh Rathi's 'Mankad' attempt: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का एक रोमांचक मुकाबले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के बीच 27 मई को इकाना स्टेडियम में खेला गया. इस मैच के दौरान एक दिलचस्प घटना घटी. आरसीबी की पारी के 17वें ओवर में जितेश शर्मा नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रन आउट होने से बाल-बाल बच गए.
दरअसल, लखनऊ के गेंदबाज दिग्वेश राठी ने गेंद डालने से पहले नॉन-स्ट्राइकर एंड की गिल्लियां उड़ा दीं. राठी ने उस समय रन आउट की अपील कर दी. उस वक्त जितेश शर्मा क्रीज से बाहर थे. मैदानी अंपायर ने राठी से पूछा कि क्या वह अपील करना चाहते हैं, और जब राठी ने हामी भरी, तो मामला थर्ड अंपायर के पास भेजा गया.
टीवी अंपायर उल्हास गांधी ने रिप्ले देखने के बाद फैसला सुनाया कि गेंदबाज ने अपनी डिलीवरी स्ट्राइड पूरी कर ली थी, गेंदबाज पॉपिंग क्रीज पार कर चुका था. यानी गेंद फेंकने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, इसलिए जितेश शर्मा नॉट आउट करार दिए गए. इस फैसले ने मैच में हलचल मचा दी और क्रिकेट के नियमों को लेकर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई. हालांकि पूर्व अंपायर अनिल चौधरी ने इस मामले में अलग मत रखा.
क्या कहता है IPL का नियम
जिस तरह दिग्वेश राठी ने जितेश शर्मा को रन आउट करने की कोशिश की, उस पर IPL की प्लेइंग कंडीशन का रूल 38.3.1 क्या कहता है? उसे आसान भाषा में समझाते हैं.
नियम यह है कि अगर नॉन-स्ट्राइकर अपनी क्रीज से बाहर हो किसी भी समय, जब से गेंद खेलने के लिए गेंदबाज की तैयारी शुरू होती है, उस समय से लेकर तब तक जब तक गेंदबाज सामान्य रूप से गेंद रिलीज करने वाला होता है, तो गेंदबाज उसे रन आउट करने के लिए प्रयास कर सकता है. ऐसी स्थिति में, नॉन-स्ट्राइकर तब रन आउट होगा जब वह अपनी क्रीज से बाहर होगा और उसकी गिल्लियां गेंदबाज द्वारा या तो गेंद फेंकते हुए या गेंद को हाथ में पकड़ते हुए टूटेंगी, चाहे गेंद डाली जाए या नहीं.
लेकिन थर्ड अंपायर उल्हास गांधी ने फैसला दिया कि राठी ने गेंद फेंकने की प्रक्रिया (डिलीवरी स्ट्राइड) पूरी कर ली थी, इसलिए जितेश नॉट आउट हैं. जैसे ही बड़े स्क्रीन पर "नॉट आउट" का संकेत दिखा, पंत ने इशारा किया कि उन्होंने अपील वापस ले ली है और इसके बाद उन्होंने जितेश के साथ गले मिलकर खुशी जताई. पंत ने यह भी कहा कि अगर टीवी अंपायर ने जितेश को आउट भी कर दिया होता, तब भी वे अपनी अपील वापस ले लेते, जो उनका अधिकार था.
मैदान में यह घटना तब हुई जब जितेश शर्मा 25 गेंदों में 57 रन बनाकर खेल रहे थे. इसके बाद उन्होंने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए 33 गेंदों में नाबाद 85 रन बनाए, और आरसीबी ने 228 रन का पीछा छह विकेट से और आठ गेंदें बची रहते हुए पूरा कर लिया. यह आरसीबी की आईपीएल में अब तक की सबसे बड़ी सफल रनचेज थी और टूर्नामेंट के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा रनचेज था.
पूर्व अंपायर अनिल चौधरी न कहा ये आउट
पूर्व अंपायर अनिल चौधरी ने इस पूरे मसले पर कहा, पहले तो यह समझिए कि 'मांकड़िंग' रन आउट नाम ही गलत है. यह रन आउट कहा जाता है है. मैंने टीवी कमेंट्री सुनी जहां टीवी अंपायर कह रहे थे कि राठी का पैर पॉपिंग क्रीज से आगे निकल गया है. लेकिन मेरे अनुसार उन्होंने रिलीज प्वाइंट से पहले विकेट गिरा दिया था, वह उसी बॉलिंग स्ट्राइड (गेंद फेंकने की प्रक्रिया) पर थे, उनका हाथ कभी भी पीछे नहीं गया था, यह उनका (टीवी अंपायर) ओपिनियन है, लेकिन मेरे अनुसार जितेश आउट थे. ऐसा ही कुछ अश्विन ने कुछ साल पहले किया था. राठी ने रिलीज प्वाइंट से पहले गेंद विकेट पर मार दी थी.
टॉम मूडी ने भी कहा अंपायर का फैसला सही
ESPNcricinfo के टाइम आउट शो में बात करते हुए, टॉम मूडी ने कहा कि यह सही फैसला था. उन्होंने कहा- मेरी पहली सोच यह थी कि अगर अपील वापस नहीं ली जाती तो वह आउट होता, लेकिन जब हमने नियम को ध्यान से पढ़ा, तो पता चला कि गेंदबाज का गेंद फेंकने का कोई इरादा नहीं था, गेंद अभी भी उसकी कमर या जेब की लंबाई के पास थी, राठी ने गेंद फेंकने के लिए बांह घुमाने भी नहीं घुमाई थी. उसने गेंद फेंकने की कोशिश भी नहीं की, बल्कि उसने गेंद को पकड़ रखा था और फिर गिल्लियां गिराईं, यह नियम के अंदर था और मुझे लगता है कि सही फैसला लिया गया.
इस परिणाम से आरसीबी क्वालिफायर 1 में पहुंच गई है, जहां वह 29 मई को मुल्लांपुर में टेबल टॉपर पंजाब किंग्स (PBKS) का सामना करेगी. वहीं, गुजरात टाइटन्स (GT) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच 30 मई को उसी जगह एलिमिनेटर मैच होगा.