आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में अजेय रही कीवी टीम के दो तेज गेंदबाज टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट ने मिलकर विरोधी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया. साउदी ने कहा कि वह और उनके साथ नई गेंद संभालने वाले बोल्ट की मैदान पर सफलता का राज दोनों के बीच गहरी दोस्ती और एक दूसरे को अच्छी तरह से समझना है.
बोल्ट और साउदी ने मिलकर वर्ल्ड कप में अभी तक 36 विकेट लिए हैं. बोल्ट ने इनमें से 21 विकेट झटके हैं. साउदी से उनकी सफल जोड़ी के पीछे छिपे राज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमारी सफलता का राज मैदान के बाद हमारी करीबी दोस्ती है. हमने अंडर-19 वर्ल्ड कप कुआलालम्पुर, 2008 में काफी क्रिकेट खेली है. बोल्ट टेस्ट और टी-20 क्रिकेट में खुद को साबित कर चुका था और वनडे टीम का नियमित हिस्सा बनने में उसे थोड़ा समय लगा.’
उन्होंने कहा, ‘उसने वर्ल्ड कप से पहले केवल दस वनडे खेले थे लेकिन उसने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया.' साउदी ने इसके साथ ही कहा उनकी टीम के पास रविवार को होने वाले वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए पूरी तरह से तैयार है. न्यूजीलैंड पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में खेलेगा. उसने इस बार वर्ल्ड कप में अपने सभी मैच जीते हैं.
साउदी कहा, ‘यह सभी खिलाड़ियों के लिए सपना सच होने जैसा है. इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट मैदानों में से एक पर ऑस्ट्रेलिया का सामना उसके घर में ही करोगे.’ बाएं हाथ के स्पिनर डेनियल विटोरी को न्यूजीलैंड के अपने साथियों की तुलना में एमसीजी पर खेलने का सबसे ज्यादा अनुभव है. उन्होंने 1997 से यहां सात मैच खेले हैं.
कप्तान ब्रैंडन मैकलम और रोस टेलर ने यहां तीन-तीन जबकि मार्टिन गुप्टिल, ग्रांट इलियट, साउदी और काइल मिल्स ने एक-एक मैच खेला है. न्यूजीलैंड ने इस मैदान पर आखिरी मैच 2009 में खेला था और उसमें इन सातों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. तब उसने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराया था. साउदी ने कहा, ‘हम यहां लंबे समय से नहीं खेले हैं. हमारे पास उस (2009) मैच की अच्छी यादें हैं. हमारे कई खिलाड़ियों को भारत में बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों के सामने खेलने का अनुभव है. उम्मीद है कि रविवार को एक लाख के करीब दर्शक पहुंचेंगे.'
इनपुट भाषा से