इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और इतने ही टी20 मैचों की सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है. टीम की घोषणा में सबसे चौंकाने वाला नाम युवराज सिंह का है जिनकी चार सालों बाद वनडे टीम में वापसी हुई है. हालांकि इस वापसी पर युवराज को जश्न मनाने की नहीं बल्कि मैदान में प्रदर्शन करने की जरूरत है. क्योंकि अगर मैदान पर नहीं चले तो टीम में न केवल बने रहना मुश्किल होगा बल्कि ढलती उम्र की वजह से क्रिकेट से ही संन्यास लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
टीम इंडिया के सबसे बड़े फिनिशर
युवराज ने 293 वनडे मैचों में 13 शतकों और 51 अर्धशतकों और 36.37 की औसत से 8329 रन बनाए. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने अपनी उपयोगिता गेंदबाजी में भी साबित की और 111 विकेट लिए. टी20 क्रिकेट में युवराज ने 55 मैचों के दौरान 8 अर्धशतकों और 29.08 की औसत से 1134 रन बनाए. इस फॉर्मेट में युवराज की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें वो 136.96 के स्ट्राइक रेट से खेलते हैं. अपने 17 सालों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान युवराज ने टीम इंडिया के सबसे बड़े फिनिशर के तौर पर काफी लोकप्रियता अर्जित की है. वनडे टीम में 35 वर्षीय युवराज सिंह की चार सालों बाद वापसी हुई है. इससे पहले वो 2013 के दिसंबर में टीम इंडिया के लिए आखिरी बार मैदान में उतरे थे.
छह गेंदों पर छह छक्के का कारनामा
साल 2000 में अपना पहला वनडे खेलने वाले युवराज सिंह 2007-08 के दौरान टीम के उप-कप्तान भी रहे. जब साल 2007 में महेंद्र सिहं धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ल्ड टी20 का खिताब जीता तो युवराज ने टूर्नामेंट के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया. इसके बाद जब एक बार फिर भारत ने धोनी की ही कप्तानी में 2011 में वनडे वर्ल्ड जीता तो युवराज ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ बने. साल 2007 में वर्ल्ड टी20 के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ स्टुवर्ट ब्रॉड के एक ओवर की सभी छह गेंदों पर छक्के लगाने का हैरतअंगेज कारनामा किया. यह एक ऐसी उपलब्धि थी जो इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी नहीं देखा गया. इसी मैच में उन्होंने केवल 12 गेंदों पर अर्धशतक जमाया जो टी20 क्रिकेट में आज भी सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड है.
कैंसर से जूझ चुके हैं सबसे बड़े फाइटर
साल 2011 में पता चला कि युवराज सिंह को कैंसर है. उनकी बाएं फेफड़े में कैंसर का ट्यूमर था. मार्च 2012 में युवराज का किमोथैरेपी हुआ. अप्रैल के महीने में वो इलाज के बाद भारत वापस लौटे. इसी साल फाइटर युवराज ने सितंबर में महीने में न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की, ठीक 2012 वर्ल्ड टी20 से पहले. साल 2012 में ही युवराज को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया.
युवराज आईपीएल में भी लगातार दो सालों तक सबसे कीमती क्रिकेटर रहे. साल 2014 में युवराज को रॉयल चैलेंजर्स ऑफ बैंगलोर ने अपनी आईपीएल की टीम में सर्वाधिक 14 करोड़ में लिया. अगले साल यानी 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 16 करोड़ रुपये में खरीदा. इसके बाद साल 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद ने युवराज को 7 करोड़ में खरीदा.
एक बार फिर फाइटर युवराज की टीम इंडिया में वापसी हो चुकी है. इस बार कप्तान भी बदल चुका है और नया कप्तान कोहली खुद युवराज की तरह ही बहुत आक्रामक हैं. ऐसे में युवराज टीम के लिए कितनी बड़ी उपलब्धि होंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. इस सीरीज में प्रदर्शन खुद युवराज के करियर की राह तय करने वाला होगा ये उन्हें बखूबी पता होगा क्योंकि साल 2016 में युवराज ने 15 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान वो 20.75 की औसत से महज 166 रन ही बना सके.